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कांग्रेस ने आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाया
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कहा-प्रत्येक दिन दस हजार लोग हो रहे हैं कोरोना से संक्रमित
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सत्ता पक्ष ने कहा – बड़ी सफल तरीके से इस महामारी के साथ लड़ाई लड़ रही है सरकार
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कोरोना प्रबंधन में सरकार की विफलता पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा
भुवनेश्वर. विधानसभा में बुधवार को विपक्षी पार्टियों द्वारा राज्य सरकार पर कोरोना महामारी के प्रबंधन में विफलता को लेकर लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर बहस हुई. विपक्षी भाजपा व कांग्रेस के विधायकों ने जहां इस मुद्दे पर राज्य सरकार की नाकामियों को गिनाया, वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास ने कहा कि राज्य सरकार बड़ी सफल तरीके से इस महामारी के साथ लड़ाई लड़ रही है. भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र ने इस चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कोविद के प्रबंधन में राज्य़ सरकार पूर्ण रुप से विफल रही है. इस मामले को लेकर राज्य सरकार जो बातें कह रही है, वह सच्चाई से परे है. राज्य सरकार सही जानकारी नहीं दे रही है. कोरोना के कारण राज्य की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है. राज्य सरकार केवल बातें कर रही है और इन बातों के आधार पर वाहवाही लेना चाहती है. इसमें भारी भ्रष्टाचार भी हुआ है. चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सालुजा ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना के संबंध में जानकारी छुपा रही है. प्रत्येक दिन दस हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन सरकार केवल तीन से चार हजार लोगों के संक्रमित होने की बात कह रही है. उन्होंने कहा कि इसके प्रबंधन में भी घोटाले हुए हैं. कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री नवकिशोर दास ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में ओडिशा में कोरोना की स्थिति बेहतर है. राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 36 हजार के आस-पास है. इसमें से 29 हजार मरीज होम आईसोलेशन में हैं, जबकि शेष मरीज अस्पताल में हैं. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.60 प्रतिशत है, जबकि ओडिशा में यह दर 0.38 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि लाकडाउन के समय स्थिति नियंत्रण में थी. प्रवासी लोगों के लौटने के बाद इसमें बढोत्तरी हुई. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार अनेक कदम उठा रही है. राज्य में प्रत्येक दिन पचास हजार परीक्षण किये जा रहे हैं. दास ने कहा कि मास्क घोटाले का मामला लोकायुक्त के पास विचाराधीन है. जांच के बाद इस मामले में यदि कोई दोषी पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.