-
सड़क सुविधा नहीं होने के कारण नहीं पहुंच पायी एंबुलेंस
मालकानगिरि. भले ही सरकार ने राज्यभर में गर्भवती महिलाओं के लिए परेशानी से मुक्त और संस्थागत प्रसव की सुविधा के लिए पर्याप्त प्रावधान किए हों, लेकिन दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों के लिए सुविधा काफी दूर की बात है. सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण आदिवासी बहुल जिले के दूरदराज के गांवों और पहाड़ी इलाकों में एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती है. कई बार मरीज़ों को चारपाई से, साइकिल से या पीठ पर लादकर अस्पताल ले जाने की खबरें आती रहती हैं. ऐसी स्थिति में एक महिला ने बीच रास्ते में एक बच्चे को जन्म दिया है. यह घटना मालकानगिरि जिले के कोरुकोंडा ब्लॉक के अंतर्गत नीलकंबेरु ग्राम पंचायत के पदालपुत गांव से सामने आई है. बताया जाता है कि धाना मुदुली की गर्भवती पत्नी देवकी प्रसव पीड़ा से पीड़ित थी. इसके लिए परिवार के सदस्य कुछ ग्रामीणों की सहायता से उसे बालिमेला स्थित चिकित्सा केंद्र ले जा रहे थे. यहां एम्बुलेंस गांव में नहीं पहुंच सकती है. देवकी को एक चारपाई पर लेटाकर ले जाया जा रहा था, लेकिन समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण उनसे बीच रास्ते में एक बच्चे को जन्म दिया. इधर, 108 एम्बुलेंस और महिला आशाकर्मी पहाड़ी से नीचे इंतजार कर रहे थे. पति धाना मुदुली ने कहा कि सड़क की सुविधा नहीं होने के कारण प्रसव पीड़िताओं को बहुत परेशानी हो रही है. मेरी पत्नी ने हमारे गाँव से 100 मीटर की दूरी पर एक बच्चे को जन्म दिया. हम उसे बालिमेला ले जा रहे थे. हमने एम्बुलेंस को फोन किया था, लेकिन इसके लिए कोई मार्ग नहीं है. सड़क सुविधा नहीं होने के कारण हमें पांच किमी के लंबे दूरी तय करनी पड़ती है.