भुवनेश्वर। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य में सत्तारुढ़ बीजू जनता दल व केन्द्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी भले ही एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में दोनों मिले हुए हैं। संसद में दोनों पार्टियों के रुख से स्पष्ट हो गया है कि दोनों के बीच अघोषित गठबंधन हो चुका है। दोनों पार्टी अपने-अपने राजनीतिक हित के लिए आपस में मिल गयी हैं और इस कारण ओडिशा के हितों को नुकसान हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। श्री पटनायक ने कहा कि हाल ही में हुए घटनाक्रम दोनों में साठगांठ की बात पूरी तरह स्पष्ट हो गई है। देश में खराब आर्थिक स्थिति को लेकर राज्यसभा में 26 नवंबर को बीजद के तीन सदस्यों ने चर्चा में भाग लेने के लिए नोटिस दी थी। बीजद सांसद प्रसन्न आचार्य, सस्मित पात्र व भास्कर राव ने इस संबंधी नोटिस दी थी, लेकिन 27 को जब इस मामले पर चर्चा हुई तो नोटिस देने वाले तीन बीजद विधायक अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इसी तरह भाजपा ओडिशा में जाजपुर के महिला कर्मचारी स्मितारानी की हत्या का मामला जोरशोर से उठा रही है, लेकिन संसद में भाजपा सांसदों ने इस मुद्दे पर अपना मुंह नहीं खोला। कांग्रेस के सांसद सप्तगिरि उलाका ने जब इस मुद्दे को उठाया तो बीजद सांसदों ने उन्हें रोका। इससे स्पष्ट हो गया है कि दोनों पार्टियों के बीच सहमति है कि कि भाजपा बीजद के खिलाफ कुछ नहीं बोलेगी तथा बीजद भाजपा के खिलाफ कुछ नहीं बोलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा व बीजद का मिल जाना राज्य के हित के लिए शुभ संकेत नहीं है। जब उनसे यह पूछा गया कि किस कारण बीजद व भाजपा मिल गयी हैं, तो उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के लिए बीजद भाजपा के साथ मिल गई है। उन्होंने कहा कि सीबीआई चिटफंड मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है । खनिज घोटाले में भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
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