Home / Odisha / रेलवे का निजीकरण से भारत में बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी – पाटशानी

रेलवे का निजीकरण से भारत में बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी – पाटशानी

  • कहा- निजीकरण के फैसले से सदमे में हैं रेलवे कर्मचारी

  • ओडिशा की कुछ ट्रेने भी आयेंगी निजीकरण के दायरे में

सुधाकर कुमार शाही, कटक

रेलवे के निजीकरण पर भारत सरकार द्वारा लिये गए फैसले से समाज के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों पर काफी असर पड़ सकता है. भारत सरकार ने 109 ट्रेनों का निजीकरण करने का फैसला लिया है. रेलवे कर्मचारी सदमे हैं. देशभर में रेलवे के विभिन्न विभागों में करीब दो लाख रिक्त पद हैं. ऐसा कहना है पीके पाटशानी, ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक संघ के महासचिव तथा उपसभापति आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन का. उन्होंने कटक श्रमिक संघ कार्यालय, रेलवे परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से वरिष्ठ एवं विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं होगी.

नॉन पेंशन स्कीम के अंतर्गत काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी. किराया भी दिनों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा. ओडिशा में भी कुछ ट्रेनों को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि रेलवे, पेंट्री, बेडरोल इत्यादि का निजीकरण कर चुकी है. अब रेलवे के परिचालन को निजीकरण करने की शुरूआत हो रही है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा लिये गए इस फैसले का हमारा संघ विरोध करता है. इस संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से श्रमिक संघ के डिविजनल डिप्टी को-आर्डिनेटर सब्यशाची षाड़ंगी, कटक शाखा के सचिव विपिन सिंह आदि उपस्थित थे.

Share this news

About desk

Check Also

कटक में ओडिशा सतर्कता फारेस्ट विंग की बड़ी कार्रवाई

लगभग 12 लाख रुपये की अवैध आरा मशीन और कीमती लकड़ी जब्त की भुवनेश्वर। अवैध …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *