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कोरोना के भय ने मरीज को मौत के मुंह में ढकेला, मरने के बाद जांच भी नहीं हुई

  • कोरोना की जांच रिपोर्ट नहीं होने पर रोगी को करते रहे रेफर पर रेफर

  • तीसरे अस्पताल में इलाज के दौरान तोड़ा दम

  • परिजनों ने किया पथावरोध, चिकित्सालय में हंगामा

  • परिजनों को 12 घंटे बाद मिली लाश

प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी

कोरोना के भय ने एक मरीज को मौत के मुंह में ढकेल दिया है. कोरोना की रिपोर्ट नहीं होने के कारण डाक्टर मरीज को रेफर पर रेफर करते रहे और समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण तीसरे अस्पताल में चिकित्सा के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया. रोगी के मरने के बाद कोरोना की जांच भी नहीं की गयी. जिसके भय के कारण इसको रेफर पर रेफर किया जाता रहा और उसकी मौत के बाद कोरोना पाजिटिव के संशय को दूर भी नहीं किया गया.

इस पूरे घटनाक्रम में पुरी मुख्य चिकित्सालय पर मरीज की मौत के लिए लापरवाही का आरोप परिजनों ने लगाया है. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. जानकारी के अनुसार, ब्रह्मगिरि थानांतर्गत तलमाल गांव के अमूल्य साहू की तबीयत बिगड़ गयी थी. उनको बुखार और दस्त की शिकायत थी. रात में उन्हें पुरी मुख्य चिकित्सालय आउट डोर में इलाज के लिए लाया गया, लेकिन वहां पर उपस्थित डॉक्टरों ने इनकी कोरोना की जांच रिपोर्ट मांगी तथा कहा गया कि इनकी कोरोना रिपोर्ट के बाद ही इलाज शुरू किया जायेगा.

कोरोना की रिपोर्ट नहीं होने पर डाक्टरों ने मरीज को कलेरा हॉस्पिटल रेफर कर दिया. अमूल्य साहू को उनकी पत्नी पूजा साहू व परिजन कलेरा हॉस्पिटल ले गए. वहां पर इनको प्रवेश की अनुमति नहीं मिली. यहां उपस्थित कर्मचारी व डाक्टरों ने कहा कि इस अस्पताल में सिर्फ कोविद पॉजिटिव मरीज ही इलाज के लिए रखे जाते हैं. आप इनको कमला मातृ मंगल चिकित्सालय ले जाइए.

इसके बाद अमूल्य साहू को कमला मातृ मंगल चिकित्सालय में इलाज के लिए दाखिल कराया गया. यहां इलाज के दौरान इनकी मौत हो गयी. इस दौरान तक तीन बोतल सलाइन चढ़ायी गयी थी, लेकिन समय रहते इलाज शुरू नहीं होने के कारण मरीज की मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों को लाश सौंपने में चिकित्सालय के कर्मचारियों ने 12 घंटे से ज्यादा का समय लिया. इसके विरोध में मृतक के परिजन व गांव वाले पहुंचे और पुरी स्टेशन रोड को अवरोध कर दिया. इसके बाद समुद्र तट और ब्रम्हगिरि थाना के थाना अधिकारी पहुंचे तथा मृत परिजनों को समझाया. इसके बाद में रास्ता अवरुद्ध हटा और शव को सौंप दिया गया. इस बीच खबर मिली है कि जिस कोरोना के भय के कारण मरीज को रेफर पर रेफर किया जाता रहा, उसकी जांच भी नहीं की गयी.

इधर, चिकित्सालय के डॉक्टर सोनी सामंतराय कहा कि मरीज को रात के 3:10 बजे लाया गया था. आते समय दस्त और बुखार से पीड़ित था. हमने चिकित्सा के दौरान सलाइन दी. हालत बिगड़ने के बाद हमने मुख्य चिकित्सालय रेफर 4:00 बजे रात को कर दिया, लेकिन मरीज के परिजन लेने में सक्षम नहीं हुए और 4:30 बजे मरीज की मौत हो गयी. मृतक की पत्नी पूजा साहू ने जानकारी देते हुए कहा कि हमको तीन चिकित्सालय का दरवाजा डॉक्टरों ने दिखाया. कहीं पर भी तत्काल चिकित्सा सेवा नहीं मिली. इस वजह से अमूल्य साहू मेरे पति की मौत हो गई. मैं इस व्यवस्था के खिलाफ हूं. ग्रामीण संतोष कुमार पिंडई ने कहा कि मृतक के दो बच्चे हैं. विधवा पत्नी को सरकारी सहयोग दिया जाये और मुख्य चिकित्सालय कलेरा हॉस्पिटल में जिस तरह इस मरीज को भगाया गया, इसके आरोपी कर्मचारी व डॉक्टरों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

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