प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी
बुधवार अश्विन कृष्ण सप्तमी तिथि में श्रीमंदिर में दुर्गाजी का सहस्रा कुंभ अभिषेक नीति संपन्न की गयी. सुबह के धूप भोग के बाद भंडार घर से दुर्गा देवी पति महापात्र सेवायत के द्वारा आसन पर विराजमान किए गए. आज्ञा पाकर सोमनाथ मंडप खटिया में विराजित किए गए. पूजा पंडा, पति महापात्र, मुदिरस्त, आचार्य, ब्राह्मण वरण दुर्गा देवी कोट भोग पानीआ के द्वारा दिए गए 1000 कलश लागी होने के बाद श्री अंग पोछा नीति की गयी और उसके बाद नया वस्त्र लागी किया गया. फिर मुदिरस्त सेवक प्रसाद लागी किया गया. पूजा पंडा भोग संपन्न करने के बाद बंदापना आयोजित किया गया. दुर्गा देवी को बिजे के दौरान भंडार दरवाजे पर लाया गया. बाद में माधव आज्ञा पाकर भंडार दरवाजे पर पहुंचे. भद्रासन में दुर्गा देवी के साथ माधव जी एक साथ में शामिल हुए.