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धर्मरक्षा दिवस को मनाने के लिए धर्म जागरण विभाग की अपील
भुवनेश्वर. दिल्ली स्थित वरिष्ठ पत्रकार व शोधकर्ता शाश्वत पाणिग्राही ने सरकार से मांग की है कि जनजाति समाज के प्रति स्व. स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती के योगदान को ध्यान में रखकर उन्हें मरणोत्तर पद्म सम्मान से सम्मानित किया जाए. उन्होंने कहा कि स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती ने कंधमाल जिले में जनजाति छात्रों के लिए छात्रावास खोलने के साथ-साथ छात्राओं के लिए कन्याश्रम खोला था. उन्होंने लगभग चार दशक तक कंधमाल में काम किया तथा लाखों लोगों को नशामुक्त किया. ऐसे में जनजाति समाज के प्रति उनके योगदान को ध्यान में ऱखकर उन्हें पद्म सम्मान से सम्मानित किया जाए.
इधर, धर्मयोद्धा स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती के बलिदान दिवस 23 अगस्त को हर वर्ष की तरह धर्म रक्षा दिवस के रुप में मनाने के लिए धर्म जागरण विभाग ने लोगों से निवेदन किया है. पूर्वी क्षेत्र धर्म जागरण विभाग के प्रमुख बिनय भुइयां ने लोगों से इस संबंध में अपील की है. भुइयां ने कहा कि 23 अगस्त को शाम 7.15 बजे लोग स्वामीजी के लिए घर के सामने घंटी व शंख बजायें तथा द्वीप प्रज्ज्वलित करें.
समाज में अन्याय व अत्याचार के विरुद्ध समाज को जागरुक कर वंचितों को न्याय दिलाने के लिए काम करने वाले स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती ने अपने स्वधर्म व संस्कृति के लिए काफी कामकिया था. उन्होंने कंधमाल जिले में गांव-गांव में संकीर्तन मंडलियां तैयार की थी. ऐसे महापुरुष की हत्या किया जाना तथा अभी तक दोषी पकड़े न जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसलिए समाज को उनके बलिदान को याद कर आगे उनके बताये हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए.