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रैकेट का भंडाफोड़, सरगना, मधुमिता स्टील्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कश्मीरा कुमार अग्रवाल गिरफ्तार
संबलपुर. ओडिशा में जीएसटी प्रवर्तन विभाग के दस्ते ने 712 करोड़ रुपये के नकली चालान बनाने और विभिन्न श्रृंखलाओं के माध्यम से किए गए कई लेन-देन पर 129 करोड़ रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पारित करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया. दस्ते ने इस रैकेट के सरगना तथा मधुमिता स्टील्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कश्मीरा कुमार अग्रवाल को भी संबलपुर से गिरफ्तार किया है. एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अग्रवाल लंबे समय से राज्य जीएसटी प्रवर्तन दस्ते की निगरानी में थे, लेकिन वह अपना पता बदलते रहे.
राउरकेला से लेकर हरियाणा तथा वहां से संबलपुर तक उन्होंने पता बदला था. इस रैकेट में शामिल कुछ आरोपियों को संदिग्ध ई-वे बिल लेन-देन की जांच के बाद धोखाधड़ी और लेन-देन की कड़ियों पर नजर रखने के बाद अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के दौरान इन फर्जी फर्मों के प्रोप्राइटरों ने स्वीकार किया कि ने न तो कोई कारोबार कर रहे थे और न ही अपनी फर्मों के नाम पर कोई खरीदारी व बिक्री को प्रभावित कर रहे थे.
उनके रिटर्न में परिलक्षित लेन-देन केवल बिना किसी वास्तविक रसीद और माल की आपूर्ति के कागज लेनदेन थे. उन सभी ने भी स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने अपने फर्म के नाम से खोले गए बैंक खाते से न तो राशि जमा की थी और न ही निकाली थी. फर्मों के नाम पर बैंकिंग लेनदेन मास्टरमाइंड द्वारा हस्ताक्षरित चेकबुक और आरटीजीएस फॉर्मों का गलत उपयोग करके किया गया था, जिनका नाम निर्दोष व्यक्तियों से लिया गया था, जिनके नाम पर फर्जी तरीके से पंजीकरण किया गया था और कुछ मामलों में उनके हस्ताक्षर का इस्तेमाल करके किया गया. जांच के बाद यह भी पता चला कि आरोपी ने अपने साथ कोई व्यापारिक लेन-देन किए बिना बड़ी रकम विभिन्न फर्मों को हस्तांतरित की है. एक फर्म के मामले में उसे 13 करोड़ रुपये का सामान खरीदने के लिए दिखाया गया था, लेकिन उसने अपने बैंक खाते के माध्यम से उक्त फर्म को 38 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए थे.
कई मामलों में, टनों के सामान को विभिन्न राज्यों में स्कूटर, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और कारों के माध्यम से भेजा गया है जो संभव नहीं है. यह भी पता चला कि अग्रवाल ने 113.81 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी का फर्जीवाड़ा किया और फर्जी चालान के बल पर उसके द्वारा बनाई और संचालित की गई 14 फर्जी फर्मों के नाम पर 129.09 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर पास किए.