-
कोरोना कानून को तोड़ने का आरोप
-
राज्य सरकार ने आक्रोश पूर्वक मेरे नाम पर एफआईआर किया – प्रियदर्शन पटनायक
-
कहा- मैं भाग्यशाली हूं भगवान जगन्नाथ जी के लिए मामला दर्ज किया गया
प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी
रथयात्रा आयोजन के लिए 18 जून को श्रीमंदिर कार्यालय के सामने आंदोलन करना श्री जगन्नाथ सेना के राष्ट्रीय संयोजक को काफी महंगा पड़ा है. इस दौरान राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट प्रियदर्शन पटनायक राज्य सरकार का विरोध करते हुए रस्ते पर बैठ गए थे. देखते ही लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. लोगों की मांग थी कि भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा आयोजन किया जाए. आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य दिया था, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने रथयात्रा आयोजन की अनुमति नहीं दी थी. आंदोलन के दो दिन बाद फिर सुप्रीम कोर्ट ने रथयात्रा आयोजन के लिए अनुमति प्रदान की. यह सभी प्रकरण शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. इस बीच टाउन थाना की तरफ से प्रियदर्शन को बुलाया गया कि आपके नाम मामला दर्ज हुआ है. आपने कोरोना कानून को तोड़ते हुए वायरस फैलाया है. इसीलिए आपको थाने में आना पड़ेगा. शुक्रवार को प्रियदर्शन मीडियाकर्मियों के साथ टाउन थाना पर पहुंचे और धरना भी दिया. पुलिस को जबरदस्ती उठाकर अंदर में ले गये और उसके बाद अंडरटेकिंग लिखते हुए उनको छोड़ दिया और कोर्ट में उपस्थित रहने की सलाह दी. इसके बाद प्रियदर्शन ने मीडियाकर्मियों को कहा पिछले दिनों वंदे उत्कल जननी गीत गाने के लिए पुरी के मुख्य रास्ते पर 30,000 लोगों को राज्य सरकार व जिला प्रशासन की तरफ से बुलाया गया था. यहां पर कोरोना कानून की धज्जियां उड़ाया गया था, लेकिन उन पर मामला दर्ज नहीं किया गया. इसके साथ पिछले दिनों जगतसिंहपुर के विधायक विष्णु दास के देहांत के बाद उनका पुरी स्वर्गद्वार में संस्कार किया गया. इसी संस्कार में माहेश्वर मोहंती, संजय दास वर्मा समेत अनेक बीजू जनता दल के नेता के साथ करीब 5000 लोग इकट्ठे रहे, लेकिन प्रशासन ने इन लोगों पर कोई मामला दर्ज नहीं किया. राज्य सरकार ने तीन मंत्रियों को रथयात्रा के लिए पुरी भेजा था, लेकिन चौथे मंत्री के रूप में खेल मंत्री तुषार कांति बेहरा कहां से टपक पड़े, रथ के सामने दिखाई दिए. सेल्फी उठाकर पोस्ट भी किए. उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. अगर राज्य सरकार के व्यक्ति कुछ गैरकानूनी काम करते हैं तो कोई उनका बाल भी बांका नहीं कर पाता. लेकिन हम करते तो पाप है. भारतीय जनता पार्टी ने भी रथयात्रा आयोजन के लिए मुख्य रास्ते पर धरना दिया. प्रदर्शन किया, उनके खिलाफ कोई मामला नहीं. थाना के प्रभारी छोटे अधिकारी हैं. सचिवालय की तीसरी मंजिल से हमारे खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए हमारे मुंह बंद करने के लिए आदेश आया है. इस तरीके से हमको सुराग लगते ही हमने स्वयं थाने में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा है. हम आने वाले दिनों में नवीन बाबू से पूछेंगे कि नवीन बाबू जी भगवान जगन्नाथ जी के लिए हमने काम किया, आपने हमारे ऊपर मामला दर्ज किया, आप जानते थे या नहीं. जानते थे हमारे नाम पर मामला करके क्या आप खुश हैं? अगर आप खुश हम भी खुश हैं.