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बाहरी धान की अवैध आवाजाही पर लगेगी रोक
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झारखंड और पश्चिम बंगाल से धान लाने पर सख्ती
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खरीफ खरीद सीजन से पहले प्रशासन का बड़ा कदम
भुवनेश्वर। ओडिशा के मयूरभंज जिले में पड़ोसी राज्यों से धान की अवैध ढुलाई रोकने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। 2025-26 खरीफ खरीद सीजन से पहले जिला प्रशासन ने झारखंड और पश्चिम बंगाल से लगने वाली सीमाओं पर स्थित चेक पोस्टों पर सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का निर्णय लिया है।
कलेक्टर ने एसपी को दिए सख्त निर्देश
18 दिसंबर को जारी पत्र में मयूरभंज की कलेक्टर हेमा कांत साय ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि झारखंड और पश्चिम बंगाल से सटे रणनीतिक सीमा चेक पोस्टों पर सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। इसका उद्देश्य यह है कि पड़ोसी राज्यों का धान मयूरभंज के चिन्हित मंडियों तक न पहुंच सके।
एमएसपी में अंतर बना बड़ी वजह
ओडिशा में धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अपेक्षाकृत अधिक है। राज्य में धान की किस्म के अनुसार प्रति क्विंटल 3,169 से 3,189 रुपये तक का समर्थन मूल्य मिल रहा है, जिसमें 800 रुपये की इनपुट सब्सिडी शामिल है। वहीं झारखंड में यह 2,450 रुपये और पश्चिम बंगाल में 2,369 रुपये प्रति क्विंटल तय है।
केंद्र सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए सामान्य किस्म के धान का एमएसपी 2,369 रुपये और ‘ए’ ग्रेड के लिए 2,389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इस अंतर के चलते बाहरी व्यापारी और किसान ओडिशा के जरिए धान बेचने का प्रयास कर सकते हैं।
मुख्य मार्गों पर सक्रिय रहेंगे चेक पोस्ट
अवैध आवाजाही रोकने के लिए पलासमुंडली–टुकपालसिया, धुमसाही/सिरसा–जामसोला/सरसकणा, पकटिया–देउली–चक्सुलियापड़ा, चांदू–बंडाव, टिरिंग–जदुनाथपुर एवं टिरिंग, बहलड़ा–नंदबासा एवं भालुपानी, तथा रारुआन–बेनीसागर एवं चिरुहातु जैसे प्रमुख संपर्क मार्गों पर चेक पोस्ट सक्रिय रहेंगे।
सीसीटीवी से चौबीसों घंटे निगरानी
झारखंड और पश्चिम बंगाल से सटे सभी चिन्हित सीमा बिंदुओं पर पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं, जिससे चौबीसों घंटे निगरानी की जा सके। कलेक्टर ने इन स्थानों पर प्रभावी निगरानी के लिए सशस्त्र पुलिस बल के साथ आवश्यक सहयोगी स्टाफ की भी व्यवस्था करने को कहा है।
स्थानीय किसानों के हितों की सुरक्षा पर जोर
यह पहल ओडिशा सरकार के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत धान खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखते हुए स्थानीय किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। पूर्व में भी इसी तरह की सीमा सतर्कता व्यवस्था लागू कर अवैध धान आवक पर रोक लगाई जाती रही है।
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