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कांग्रेस ने मोहम्मद मुकीम को पार्टी से निकाला

  •    अनुशासनहीन गतिविधियों का आरोप

  •     ओपीसीसी नोटिस जारी, एआईसीसी की मंजूरी से हुई कार्रवाई

भुवनेश्वर। कांग्रेस पार्टी ने बारबाटी-कटक के पूर्व विधायक मोहम्मद मुकीम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई कथित पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आधार पर की गई है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) की ओर से जारी नोटिस में बताया गया कि इस प्रस्ताव को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने मंजूरी दी है। नोटिस पर ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास के हस्ताक्षर हैं।

नेतृत्व पर सवाल उठाने के बाद कार्रवाई

मुकीम द्वारा ओडिशा में कांग्रेस के नेतृत्व और कार्यप्रणाली पर खुले तौर पर सवाल उठाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया। उन्होंने हाल में ओपीसीसी नेतृत्व की पार्टी को पुनर्जीवित करने की क्षमता पर संदेह जताया था।

सोनिया गांधी को पत्र, ‘नेतृत्व संकट’ का दावा

मुकीम ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ओडिशा और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को मज़बूत करने के लिए उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की थी। पत्र में उन्होंने राज्य इकाई में नेतृत्व संकट का उल्लेख किया। उन्होंने वर्ष 2023 में शरत पटनायक की ओपीसीसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति का हवाला देते हुए कहा कि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित हुआ। मुकीम का दावा था कि पटनायक छह लगातार लोकसभा चुनाव हार चुके हैं और उनके नेतृत्व में ओडिशा में कांग्रेस का मत प्रतिशत घटकर 13 प्रतिशत रह गया, जो राज्य में पार्टी के इतिहास में सबसे कम है।

भक्त चरण दास पर भी उठाए सवाल

मुकीम ने वर्तमान ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास की भी आलोचना की। उन्होंने तीन लगातार चुनाव हारने और नुआपड़ा विधानसभा उपचुनाव में 83 हजार से अधिक मतों से हार का उल्लेख करते हुए नेतृत्व की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाया।

चुनावी प्रदर्शन पर चिंता, संगठनात्मक सुधार की मांग

पूर्व विधायक ने हाल के तीन लोकसभा चुनावों और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताई। उन्होंने पार्टी में गहरे संगठनात्मक और वैचारिक सुधारों की जरूरत बताते हुए कहा कि जनता का भरोसा वापस पाने के लिए संरचनात्मक बदलाव अनिवार्य हैं।

विचारधारा से कोई उन्हें दूर नहीं कर सकता – मुकीम

निष्कासन के बाद मुकीम ने कहा कि पार्टी उन्हें सदस्यता से अलग कर सकती है, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा से कोई उन्हें दूर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि उन्होंने सुधार के उद्देश्य से प्रयास किए थे, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने निर्णय को स्वीकार करते हुए कहा कि वे समाज के लिए काम करते रहेंगे और समर्थकों से चर्चा के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।

राहुल गांधी के बयान का हवाला

मुकीम ने कहा कि राहुल गांधी अक्सर कहते हैं कि कांग्रेस किसी से डरती नहीं है। उसी विश्वास के साथ उन्होंने बिना भय के पत्र लिखा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें अपने कदम पर कोई पछतावा नहीं है और उनकी मंशा पार्टी के हित में थी।

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