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अधिक किसानों को जोड़ा जाएगा प्रमाणन प्रक्रिया से
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बलभद्र जैविक खेती मिशन के विस्तार, प्रमाणित बीज उत्पादन पर फोकस
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श्रीमंदिर में जैविक चावल के उपयोग पर हुआ जोर
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51वीं बीज-जैव उत्पाद प्रमाणन और 5वीं जैव प्रमाणन समिति की बैठक आयोजित
भुवनेश्वर। ओडिशा में जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में राज्य सरकार लगातार नए कदम उठा रही है। राज्य में जैविक खेती, जैविक प्रमाणन और प्रमाणित बीज उत्पादन किसानों के लिए बड़े अवसर पैदा कर रहे हैं। इसी को आगे बढ़ाते हुए कृषि भवन के सम्मेलन कक्ष में ओडिशा राज्य बीज-जैव उत्पाद प्रमाणन संस्था की 51वीं और ओडिशा राज्य जैव प्रमाणन संस्था की 5वीं प्रबंधन समिति की बैठक कृषि एवं कृषक सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ अरविंद पाढ़ी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में बताया गया कि आने वाले दिनों में बलभद्र जैविक खेती मिशन के तहत और अधिक कृषि भूमि को जैविक क्षेत्र में शामिल किया जाएगा, जिससे किसानों की आय और कृषि उत्पादन की गुणवत्ता दोनों में वृद्धि होगी।
बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि अमृत अन्न परियोजना के तहत पुरी श्रीमंदिर में कोठ-भोग के लिए प्रमाणित जैविक चावल का उपयोग किया जा रहा है, जो राज्य में जैविक उत्पादों की विश्वसनीयता और मांग को और मजबूत करता है।
कृषि सचिव ने राज्य में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने, अधिक किसानों को प्रमाणन प्रक्रिया से जोड़ने तथा गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी ढांचा तैयार करने पर विशेष जोर दिया।
इस अवसर पर कृषि निदेशक शुभम सक्सेना, उद्यान निदेशक कुलांगे गोरख वामन, कृषि अधिकारी, प्रबंधन समिति सदस्यों और किसान प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में ओडिशा राज्य जैव प्रमाणन संस्था की ओर से सफल किसानों की कहानियों पर आधारित पुस्तिका और दोनों संस्थाओं की वार्षिक रिपोर्ट का भी विमोचन किया गया।
वहीं, ओडिशा राज्य बीज-जैव उत्पाद प्रमाणन संस्था के निदेशक रबी नारायण पांडा ने बैठक के विषयों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। जैविक खेती को बढ़ावा देने, किसानों को प्रमाणन प्रक्रिया से जोड़ने और राज्य में गुणवत्तापूर्ण बीज एवं जैविक उत्पादों के लिए मजबूत प्रणाली विकसित करने को लेकर बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
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