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आईएएचई ने आईआरसी कोड आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल का प्रस्ताव रखा
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परिषद की स्वीकृति के बाद होगा क्रियान्वयन
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एचआरबी की 87वीं बैठक में नवाचार और सतत विकास पर जोर
भुवनेश्वर। इंडियन रोड्स कांग्रेस (आईआरसी) के वार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन हाईवे रिसर्च बोर्ड (एचआरबी) की 87वीं बैठक में इंडियन एकेडमी ऑफ हाईवे इंजीनियर्स ने आईआरसी कोड आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई और इसे आगे आईआरसी काउंसिल की स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा। सत्र का समापन नवीन प्रौद्योगिकियों के तेज अपनाव, अनुसंधान सहयोग को सुदृढ़ करने और स्वीकृत प्रस्तावों के शीघ्र कार्यान्वयन की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिससे भारत के हाईवे क्षेत्र में नवाचार और सतत विकास को नई दिशा मिलेगी।
बैठक की अध्यक्षता वीके राजावत, अध्यक्ष, एचआरबी ने की, जबकि राहुल गुप्ता, सचिव, एचआरबी एवं प्रो मनोरंजन परिडा, अध्यक्ष, इंडियन रोड्स कांग्रेस एवं निदेशक, सीआरआरआई, विशेष रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, लोक निर्माण विभाग, सीमा सड़क संगठन के वरिष्ठ अधिकारी तथा आईआईटी और सीआरआरआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर एवं शोधकर्ता शामिल हुए।
बैठक में हाईवे अनुसंधान और विकास में नवाचार एवं सततता को आगे बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा हुई। एक प्रमुख निर्णय के तहत इंडियन रोड्स कांग्रेस (आईआरसी) जर्नल को अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक (जैसे स्प्रिंगर) के माध्यम से प्रकाशित करने का प्रस्ताव पारित किया गया, जिससे इसकी वैश्विक पहचान और शैक्षणिक प्रतिष्ठा बढ़ सके। इसके लिए एक समर्पित समिति गठित की गई है।
बैठक में प्रतिस्पर्धात्मक अनुसंधान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने, पारदर्शिता और व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी विचार किया गया। साथ ही, चल रहे शोध कार्यों की समीक्षा की गई, जिनमें रीक्लेम्ड डामर पेवमेंट (आरएपी) के लिए हॉट रिसाइकल्ड एस्फाल्ट मिक्स डिजाइन और फॉस्फोजिप्सम अपशिष्ट के पुन: उपयोग जैसे पर्यावरण-अनुकूल उपाय शामिल थे।
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