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कहा- सड़कें हों सुरक्षित, पर्यावरण भी स्वच्छ
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हर दिन 420 मौतें सड़क हादसों में
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मंत्री बोले – डीपीआर की गलतियों से बचें, ब्लैक स्पॉट की पहचान जरूरी
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सड़क सुरक्षा के लिए होगा विशेष बजट
भुवनेश्वर। इंडियन रोड कांग्रेस के मंच से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर में हो रहे सड़क हादसों पर चिंता व्यक्त की और इंजीनियरों से आग्रह किया कि वे सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने बताया कि भारत में हर दिन 420 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें अधिकतर 18 से 36 वर्ष के युवा हैं।
गडकरी ने कहा कि अधिकांश दुर्घटनाएं डीपीआर की गलतियों के कारण होती हैं। हम गलतियां देखते हैं, लेकिन सुधारते नहीं हैं। यह रवैया बदलना होगा। उन्होंने कहा कि आपकी संवेदनशीलता कईयों की जान बचा सकती है। मैं हाथ जोड़कर कहता हूं, ब्लैक स्पॉट की पहचान करें, सुधार करें।
उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए एक विशेष बजट तैयार करने की जानकारी दी और कहा कि भूस्खलन वाले क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है ताकि समय पर सुरक्षा उपाय हो सकें।
गडकरी ने कहा कि सड़क हादसों में घायल लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए गोल्डन ऑवर नीति लागू की गई है। यदि हम इसे सही ढंग से लागू करें, तो हर साल 50 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने एनफोर्समेंट कानून में बदलाव किया है ताकि लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जिम्मेदारी और भय दोनों का भाव आए।
साथ ही उन्होंने सड़क निर्माण में ठोस कचरे, बांस, स्टील स्लैग और पुराने टायरों के पुनः उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ठोस कचरे से सड़कें बन रही हैं, ओडिशा में भी ऐसा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भविष्य में फैक्ट्री में बने स्लैब ट्रकों से लाकर क्रेन से जोड़कर सड़कें तैयार की जाएंगी, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।
सड़क निर्माण के पर्यावरणीय पहलू पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अपशिष्ट पदार्थों का पुनः उपयोग किया जा रहा है। अब तक लगभग 80 लाख टन शहरी अपशिष्ट का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा चुका है। बायो-बिटुमेन और पुनर्चक्रित प्लास्टिक के उपयोग से सड़कों की स्थायित्व और लागत दक्षता में वृद्धि हुई है।
विकल्पिक ईंधन के क्षेत्र पर जोर देते हुए श्री गडकरी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन आधारित वाहनों के लिए देशभर में 10 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से एक ओडिशा में है। एथेनॉल, मिथेनॉल, बायो-एलएनजी, सीएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ईंधनों के व्यापक उपयोग से भारत ईंधन आयातक से निर्यातक देश बनने की दिशा में अग्रसर है।
गडकरी ने कहा कि सड़कें सिर्फ यात्रा का माध्यम नहीं हैं, बल्कि आर्थिक विकास और जीवन सुरक्षा का आधार हैं। हमें सड़कों को स्वच्छ, सुरक्षित और टिकाऊ बनाना होगा।
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