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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा
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145 लाख करोड़ के निवेश से ओडिशा में उद्योग विस्तार की नई उड़ान
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बोले – पारादीप बनेगा पूर्वी भारत का औद्योगिक केंद्र
पारादीप। ओडिशा में पारादीप ग्रीन हाइड्रोजन हब बनेगा तथा पूर्वी भारत का औद्योगिक केंद्र के रूप में पहचान स्थापित करेगा। यह घोषणा ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि ओडिशा को पारादीप में पोर्ट आधारित और ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 145 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है, जो राज्य के शुरुआती लक्ष्य 1 लाख करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
उन्होंने बुधवार को पारादीप में आयोजित बोइत बंदाण उत्सव के दौरान कहा कि पारादीप आने वाले दशक में राज्य की आर्थिक दिशा तय करने वाले कई बड़े प्रोजेक्ट्स का केंद्र बनेगा और पूर्वी भारत में औद्योगिक विकास का प्रमुख केंद्र उभरेगा।
40 हजार करोड़ की ग्रीन हाइड्रोजन हब परियोजना
मुख्यमंत्री माझी ने पारादीप में 40 हजार करोड़ रुपये की ग्रीन हाइड्रोजन हब परियोजना की घोषणा की। यह देश के उन तीन हब्स में से एक है जिन्हें राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत मंजूरी दी गई है। इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में ओडिशा को अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना है। यह हब पोर्ट्स, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इस परियोजना से संबद्ध उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा और पारादीप क्षेत्र में स्वच्छ औद्योगिक संचालन को बढ़ावा मिलेगा।
80 हजार करोड़ का नैफ्था क्रैकर प्रोजेक्ट
औद्योगिकीकरण की इस नई लहर का प्रमुख आकर्षण ओडिशा सरकार और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता है। 61 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह डुअल-फीड नैफ्था क्रैकर प्रोजेक्ट भारत का सबसे बड़ा होगा और पारादीप में स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना आईओसीएल के 1,00,300 करोड़ रुपये के एकीकृत निवेश योजना का मुख्य स्तंभ होगी।
यह समझौता दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री माझी और आईओसीएल चेयरमैन एएस सहनी के बीच हुई बैठक में तय हुआ था और अगस्त 2025 में इसे सैद्धांतिक मंजूरी मिली। रिपोर्टों के अनुसार, इससे पारादीप रिफाइनरी की उत्पादन क्षमता 15 से बढ़ाकर 25 मिलियन टन वार्षिक कर दी जाएगी और उच्च मूल्य वाले पेट्रोकेमिकल उत्पादों के लिए नया नैफ्था क्रैकर यूनिट स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना में राज्य सरकार की हिस्सेदारी भी होगी, जिससे उसे कर राजस्व के साथ डिविडेंड का लाभ मिलेगा।
ओडिशा की औद्योगिक रणनीति का केंद्र बनेगा पारादीप
मुख्यमंत्री ने कहा कि चल रही औद्योगिक परियोजनाओं के साथ पारादीप को पूर्वी भारत के एक प्रमुख औद्योगिक और लॉजिस्टिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां नई कनेक्टिविटी परियोजनाओं और बंदरगाह अवसंरचना के साथ एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का भी विकास किया जाएगा। माझी ने कहा कि पारादीप पोर्ट ओडिशा के अगले औद्योगिक अध्याय का इंजन बनेगा और यह राज्य की ‘विजन 2036’ रोडमैप में निर्धारित महत्वाकांक्षाओं के केंद्र में रहेगा।
पारादीप में जल्द बनेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट
जगतसिंहपुर जिले के पारादीप में मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कलिंगा बालियात्रा 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बालियात्रा ओडिशा के समुद्री इतिहास, साहस और व्यापारिक परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने पारादीप को आर्थिक विकास और सांस्कृतिक गौरव का प्रमुख केंद्र बनाने के राज्य सरकार के संकल्प को दोहराया।
क्रूज टर्मिनल की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि मंगल नदी पर क्रूज़ टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले। इसके लिए राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
औद्योगिक कॉरिडोर और पर्यटन विकास की योजना
माझी ने आगे बताया कि सरकार भुवनेश्वर, खुर्दा, कटक और पुरी को जोड़ने वाला औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इसके साथ ही पर्यटन अवसंरचना के विस्तार पर भी जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारादीप पहले ही पूर्वी भारत का अग्रणी बंदरगाह बन चुका है और आने वाले वर्षों में यह उद्योग, व्यापार और रोजगार का केंद्र बनेगा। इस अवसर पर उद्योग एवं कौशल विकास मंत्री सम्पद चन्द्र स्वाईं, सांसद डॉ विभूति प्रसाद तरई, विधायक डॉ रामकान्त भोई और पारादीप पत्तन प्राधिकरण के चेयरमैन पीएल हरनाध भी उपस्थित थे।
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