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pratibha ‘स्मरे नित्यम्’ में छुपी है मानवीय संवेदनाओं की गहराई

‘स्मरे नित्यम्’ में छुपी है मानवीय संवेदनाओं की गहराई

  • उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय में हुआ विचार-विर्मश

  • पद्मश्री प्रतिभा सतपथी को किया गया सम्मानित

भुवनेश्वर। मानवीय संवेदनाओं की सूक्ष्म अभिव्यक्ति और जीवन के गूढ़ अनुभवों को गहनता से उकेरने वाली प्रतिष्ठित केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका तथा भूतपूर्व प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर, आयकर विभाग, ओडिशा परमिता सतपथी की हिंदी कृति ‘स्मरे नित्यम्’ पर उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय में एक प्रेरक साहित्यिक परिचर्चा आयोजित हुई। इस परिचर्चा ने साहित्यप्रेमियों को संवेदना, सृजन और आत्मचिंतन के एक गहरे संसार से जोड़ा। कार्यक्रम में ‘स्मरे नित्यम्’ के माध्यम से जीवन, स्मृति और आत्मानुभूति के सूक्ष्म आयामों पर गंभीर विमर्श हुआ।

कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों और विद्वानों ने इस कृति की साहित्यिक बारीकियों, भावनात्मक परतों और मानवीय दृष्टि पर विस्तृत संवाद किया। उन्होंने कहा कि ‘स्मरे नित्यम्’ केवल एक साहित्यिक कृति नहीं, बल्कि मानव मन की यात्रा है, जो पाठक को आत्मा की गहराइयों तक ले जाती है।

इस गरिमामय आयोजन में पद्मश्री सम्मानित लेखिका प्रतिभा सतपथी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभा सतपथी को सम्मानित भी किया गया। डॉ वेदुला रामालक्ष्मी ने अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति में इस कृति की साहित्यिक गहराई, भाषा की कोमलता और भाव-संवेदना की विविध परतों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की शुरुआत में उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय के संरक्षक सुभाष भुरा ने स्वागत भाषण दिया तथा अतिथियों को सम्मानित किया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता अंजना भुरा ने की, जबकि संचालन उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय के संस्थापक किशन खंडेलवाल ने किया। उन्होंने कहा कि साहित्य संवाद आत्मा को जोड़ता है। यह वह धागा है जो समाज को विचार, भावना और संवेदना से एक सूत्र में पिरोता है। आज का आयोजन उसी आत्मीय साहित्यिक एकता का प्रतीक है।

भुवनेश्वर के साहित्य प्रेमियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और लेखकों की बड़ी संख्या ने इस परिचर्चा में भाग लिया। अतिथियों के वक्तव्यों और संवादों ने सभी के मन में साहित्य के प्रति नई प्रेरणा और संवेदना जगाई। कार्यक्रम का समापन स्मृति चिह्न भेंट और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी प्रकाश भुरा, रितु महिपाल, कवि विक्रमादित्य सिंह, कवि आशीष कुमार, आरके दूबे, अशोक पांडेय समेत अन्य कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।

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