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महिला एवं बाल विकास विभाग ने जारी की स्पष्ट गाइडलाइन
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पात्रता जांच के लिए विभागों से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो महिला छात्राएं किसी भी राज्य या केंद्र सरकार की योजना से वार्षिक 18,000 रुपये या उससे अधिक की छात्रवृत्ति या वित्तीय सहायता प्राप्त कर रही हैं, वे ‘सुभद्रा योजना’ के लाभ के लिए पात्र नहीं होंगी। विभाग के अनुसार, इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदिका की आयु 21 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम होनी चाहिए।
विभागों से मांगी गई विस्तृत रिपोर्ट
निर्देश के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग और अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक विभाग से पात्र छात्राओं का विस्तृत विवरण मांगा है। रिपोर्ट में 2023-24 और 2024-25 वित्तीय वर्षों के दौरान 18,000 रुपये या उससे अधिक की छात्रवृत्ति पाने वाली 21 वर्ष से अधिक आयु की छात्राओं की संख्या शामिल करने को कहा गया है।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बकाया राशि के भुगतान को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा और रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में ही प्रस्तुत की जानी चाहिए।
शिकायतों के बाद शुरू हुई जांच प्रक्रिया
कई छात्राओं ने शिकायत की थी कि उन्हें मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि केवल शैक्षणिक खर्चों में ही उपयोग होती है, जिससे यह अतिरिक्त आर्थिक सहायता के रूप में नहीं गिनी जा सकती। इन शिकायतों को देखते हुए विभाग ने लाभार्थियों की पात्रता की पुनः जांच कराने का निर्णय लिया है।
पात्रता की समीक्षा होगी, अपात्रों को सूची से हटाया जाएगा
रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित विभागों द्वारा पात्रता की समीक्षा की जाएगी। जो छात्राएं वार्षिक 18,000 रुपये की सीमा से अधिक सहायता प्राप्त कर रही हैं, उन्हें ‘सुभद्रा सहायता कार्यक्रम’ से बाहर कर दिया जाएगा, जबकि पात्र छात्राओं को योजना का लाभ मिलता रहेगा। यह समीक्षा प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 दोनों के लिए लागू होगी।