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भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं पर हाईकोर्ट की सख्ती
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तीन महीने में नई परीक्षा कराने के निर्देश
भुवनेश्वर। राज्य के हाईकोर्ट ने ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग (ओएसएससी) द्वारा आयोजित 711 हिंदी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति दिक्षित कृष्ण श्रीपद की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाया है। अदालत ने पाया कि चयन प्रक्रिया में गंभीर प्रक्रियागत त्रुटियां और नियमों से विचलन किया गया था।
भर्ती प्रक्रिया को बताया अपूर्ण और नियम विरुद्ध
अदालत ने कहा कि आयोग द्वारा की गई भर्ती 10 अक्टूबर 2024 को जारी मूल विज्ञापन के अनुरूप नहीं थी। उस विज्ञापन में दो चरणों की परीक्षा (प्रारंभिक और मुख्य लिखित परीक्षा) का प्रावधान था, जिसमें प्रश्न पत्र अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में देने की बात कही गई थी।
हालांकि आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा को पूरी तरह छोड़ दिया और 15 मई 2025 को केवल एक ही लिखित परीक्षा आयोजित की, जो 150 अंकों की थी। इसमें 20 अंकों का शिक्षणशास्त्र खंड केवल हिंदी में शामिल किया गया था। न्यायमूर्ति श्रीपद ने कहा कि यह मूल अधिसूचना से भटकाव है और इससे भर्ती की पारदर्शिता और निष्पक्षता प्रभावित हुई।
आयोग के तर्क खारिज
हाईकोर्ट ने आयोग के उस तर्क को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि आंशिक री-टेस्ट से त्रुटियों की भरपाई हो जाएगी। अदालत ने इसे नियमों के विपरीत बताया और आयोग को भर्ती प्रक्रिया को प्रारंभिक चरण से दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया।
तीन महीने में पूरी प्रक्रिया पूरी करने का आदेश
अदालत ने निर्देश दिया कि आयोग प्रारंभिक परीक्षा को अंग्रेजी और हिंदी में प्रश्नपत्रों के साथ आयोजित करे और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करे।
711 पदों की पूरी चयन प्रक्रिया शून्य
इस फैसले के साथ ही 711 पदों की पूरी चयन प्रक्रिया शून्य हो गई है और सभी अभ्यर्थियों को पुनः परीक्षा में भाग लेना होगा। अब आयोग को नया परीक्षा कार्यक्रम जारी करने का निर्देश दिया गया है ताकि प्रक्रिया न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से पूरी की जा सके।