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पौधरोपण की सुरक्षा, जीवंतता और स्वस्थ विकास की हुई समीक्षा
भुवनेश्वर। “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान के तहत राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक वन विभाग के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार पौधरोपण की सुरक्षा, जीवंतता और स्वस्थ विकास की समीक्षा की गई।
बैठक की अध्यक्षता वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यब्रत साहू ने की। उन्होंने कहा कि “एक पेड़ मां के नाम 2.0” की सफलता केवल लगाए गए पौधों की संख्या पर नहीं, बल्कि उनकी जीवित रहने और स्वस्थ रूप से बढ़ने की दर पर निर्भर करती है। उन्होंने सभी विभागों और क्षेत्रीय अधिकारियों से अपील की कि वे लगाए गए पौधों की सुरक्षा और पोषण के लिए अधिकतम सावधानी बरतें और निर्धारित दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
17 सितंबर 2025 को हुए व्यापक पौधरोपण अभियान के लगभग एक महीने बाद आयोजित इस बैठक में 22 सितंबर 2025 को जारी एकीकृत दिशा-निर्देशों के तहत लागू की गई तीन-स्तरीय निगरानी और जवाबदेही व्यवस्था की भी समीक्षा की गई। इस दौरान ओआरएसएसी आधारित मॉनिटरिंग वेब पोर्टल पर प्रस्तुति दी गई, जो राज्यभर में पौधरोपण की जीवंतता और विकास पर नजर रखने के लिए एक एकीकृत मंच के रूप में कार्य करेगा। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि क्षेत्रीय अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि इस प्रणाली का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी जिलों और विभागों के समन्वित प्रयासों और सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि “एक पेड़ मां के नाम 2.0” की वास्तविक सफलता केवल वृक्ष लगाने में नहीं, बल्कि उनके सतत संरक्षण और स्वस्थ विकास में निहित है।
बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रमुख वन बल , कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रधान सचिव, कृषि, पंचायती राज, उद्यानिकी तथा ओडिशा रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर के वरिष्ठ अधिकारी, सभी जिलाधीश, वन प्रभागीय अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी उपस्थित रहे।