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भड़का जनाक्रोश, दुर्गापुर में फूटा आक्रोश
दुर्गापुर/भुवनेश्वर। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में ओडिशा की एक एमबीबीएस छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले ने राज्य में उबाल ला दिया है। शुक्रवार को हुई इस दर्दनाक घटना के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विवादास्पद बयान ने आग में घी डालने का काम किया है। उन्होंने शनिवार को कहा था कि लड़की को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए था, जिसके बाद पूरे बंगाल और ओडिशा में जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है।
ममता बनर्जी के इस बयान को पीड़िता को दोषी ठहराने वाला और अत्यंत असंवेदनशील बताते हुए ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने भी कड़ा विरोध जताया था।
उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल शर्मनाक है, बल्कि एक महिला नेता से ऐसी सोच समाज के लिए निराशाजनक है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को तुरंत माफी मांगनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
दुर्गापुर में सड़कों पर उतरे लोग
सोमवार शाम को दुर्गापुर की सड़कों पर छात्रों, सामाजिक संगठनों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने प्रदर्शन किया। लोगों ने ममता बनर्जी की टिप्पणी को अस्वीकार्य बताया और कहा कि यह बयान न्याय की दिशा में एक बड़ी बाधा है। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार पर पीड़िता की हालत की जानकारी छिपाने और मामले को दबाने का आरोप लगाया।
ओडिशा से भी उठी आवाजें
ओडिशा भाजपा ने पश्चिम बंगाल प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि पीड़िता के पिता तक को उससे मिलने नहीं दिया जा रहा है, जिससे राज्य सरकार की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है और बंगाल सरकार संवेदनहीनता का परिचय दे रही है।
न्याय के लिए बंगाल सरकार पर बढ़ा दबाव
घटना के बाद से “जस्टिस फॉर ओड़िया स्टूडेंट अभियान सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रहा है। महिला संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों को जल्द सजा नहीं दी गई तो आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले लेगा। फिलहाल, पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस प्रशासन पर बढ़ते जनदबाव के बीच इस मामले में कार्रवाई तेज करने की मांग जोर पकड़ रही है।
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