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कहा-राजनीति में साधु विपक्ष से ज्यादा खतरनाक
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बीजद पर फिर बरसी निलंबित नेत्री
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में फिर एक बार हलचल मच गई है। बीजद से निलंबित नेत्री श्रीमती मिश्रा ने एक तीखे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पार्टी के अंदरूनी हालात और कथित ‘दिल्ली डील’ पर नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह पोस्ट ऐसे समय में सामने आया, जब यह चर्चा जोरों पर थी कि पूर्व विधायक राजेंद्र ढोलकिया के बेटे जय ढोलकिया भाजपा में शामिल हो सकते हैं और नुआपड़ा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार बन सकते हैं।
‘कार्यकर्ता भटक गए हैं, सौदे दिल्ली में हो रहे हैं’
श्रीमयी मिश्रा ने अपने नवीनतम फेसबुक पोस्ट में ओड़िया भाषा में लिखा कि कार्यकर्ता दिशाहीन हैं, जबकि सौदे दिल्ली में किए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे वीके पांडियन पर परोक्ष हमला माना जा रहा है, जो पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी और पूर्व नौकरशाह रह चुके हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि राजनीति में कोई साधु विपक्षी से अधिक खतरनाक हो सकता है, जिससे साफ है कि उनका इशारा पंडियन की ओर है, जिन पर पहले भी वह पार्टी के भीतर शक्ति केंद्रीकरण और वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगा चुकी हैं।
वीके पांडियन के खिलाफ खुला विद्रोह
श्रीमयी मिश्रा का यह बयान कोई पहला नहीं है। इससे एक दिन पहले ही वह एक कार्यक्रम में खुलकर बोली थीं और वीके पंडियन के खिलाफ विद्रोह का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा था कि बीजद को फिर से अपने मूल रास्ते पर लौटना होगा और एक व्यक्ति की मनमानी से बाहर निकलना होगा। उनकी तीखी टिप्पणियों ने बीजद के भीतर गहरी दरारों को उजागर कर दिया है। 2024 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से पार्टी खुद को पुनर्गठित करने की कोशिश में है।
बीजद और पांडियन की चुप्पी
इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक बीजद नेतृत्व या वीके पांडियन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि श्रीमयी मिश्रा के हालिया बयानों ने बीजद के भीतर नई सियासी हलचल शुरू कर दी है और नुआपड़ा उपचुनाव के पहले यह हलचल और तेज हो सकती है।