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आठ मछुआरे तैरकर सुरक्षित लौटे, बड़ा हादसा टला
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भद्रक क्षेत्र की नाव में आई तकनीकी खराबी से हुआ हादसा
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मछुआरों की सूझबूझ से बची जान
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समुद्र में डूबा सारा सामान और मछली का जाल
केंद्रापड़ा। ओडिशा के केंद्रापड़ा जिले के राजनगर ब्लॉक अंतर्गत सातभाया तट के पास गुरुवार देर रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। समुद्र में मछली पकड़ने गई एक नाव अचानक पलट गई, लेकिन उसमें सवार आठ मछुआरों ने तैरकर अपनी जान बचा ली।
सूत्रों के अनुसार, यह नाव भद्रक जिले के मछुआरों की थी, जो गुरुवार रात मछली पकड़ने के लिए सातभाया के पास समुद्र में गई थी। नाव का नाम मां तारिणी बताया गया है।
मछुआरों के अनुसार, नाव के इंजन में तकनीकी खराबी आने के बाद चालक ने उसे किनारे की ओर मोड़ने की कोशिश की। तभी अचानक नाव का एक हिस्सा टूट गया और उसमें तेजी से पानी भरने लगा, जिसके चलते नाव पलट गई।
मछुआरों ने दिखाई सूझबूझ और साहस
घटना के समय चारों ओर अंधेरा था, लेकिन मछुआरों ने घबराने के बजाय तैरकर तट की ओर आने का प्रयास किया। करीब आधे घंटे के संघर्ष के बाद सभी आठ मछुआरे सुरक्षित तट पर पहुंच गए। हालांकि, नाव में मौजूद मछलियों की पकड़, जाल और उपकरण समुद्र में डूब गए।
स्थानीय प्रशासन और मत्स्य विभाग की मदद
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों और समुद्री मत्स्य विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। सभी मछुआरों का चिकित्सीय परीक्षण किया गया और उन्हें प्राथमिक सहायता दी गई। अधिकारियों ने बताया कि सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं।
नावों के रखरखाव पर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर क्षेत्र में नावों की तकनीकी जांच और रखरखाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मछुआरों ने शिकायत की कि कई बार नावों के इंजन की नियमित सर्विस नहीं होती, जिससे ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं। स्थानीय मत्स्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रात्रिकालीन मछली पकड़ने के दौरान सुरक्षा उपकरणों की जांच अनिवार्य है। समुद्र में जाने से पहले मछुआरों को हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।
सौभाग्य से इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन नाव और मछली पकड़ने के उपकरणों के नुकसान से मछुआरों को भारी आर्थिक क्षति हुई है।
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