-
एंटीबायोटिक्स और खांसी की दवाओं पर सख्त नियम
-
दवाओं की अनियंत्रित बिक्री रोकने के प्रयास
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में दवाओं की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी फार्मेसियों को निर्देश दिया है कि वे एंटीबायोटिक्स, खांसी की सिरप और अन्य निर्धारित दवाओं को बिना डॉक्टर की वैध प्रिस्क्रिप्शन के न बेचें।
भुवनेश्वर में कई दवा दुकानें पहले ही ग्राहकों को इस नए नियम के बारे में सूचित करने के लिए नोटिस चस्पा कर चुकी हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस आदेश के तहत अब ये दवाएं ओवर-द-काउंटर उपलब्ध नहीं होंगी।
इस कदम की पृष्ठभूमि में मध्य प्रदेश में खांसी की सिरप के सेवन से बच्चों की मौत जैसी घटनाएं हैं। इसी को देखते हुए कई राज्यों ने दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खांसी की सिरप के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस प्रकार की दवाओं की बिक्री और उपयोग पर सख्त निगरानी की सलाह जारी की है।
हालांकि, पिछले चेतावनियों के बावजूद, विभिन्न स्थानों, विशेषकर भुवनेश्वर में लोग अब भी बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की खरीदारी कर रहे हैं। कई दवा विक्रेता ग्राहकों को डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बिना ही दवाएं दे रहे हैं। इस पर ध्यान देते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को कड़ी निगरानी और नियमों के सख्ती से पालन पर चर्चा के लिए बैठक की। सूत्रों के अनुसार, ड्रग्स कंट्रोल निदेशालय जल्द ही इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि फार्मेसियों में अनियंत्रित प्रथाएं केवल दवा बिक्री तक सीमित नहीं हैं। कुछ मामलों में दुकान मालिकों ने बिना चिकित्सकीय देखरेख के इंजेक्शन भी लगाए।
यह पहला मौका नहीं है जब ड्रग्स कंट्रोल निदेशालय ने हस्तक्षेप किया हो। तीन साल पहले भुवनेश्वर और कटक में नकली उच्च रक्तचाप की दवाओं की पहचान होने पर, फार्मेसियों को स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टर के संपर्क नंबर पोस्टर पर लगाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, यह पहल कुछ महीनों में प्रभावहीन हो गई और पहले जैसी बिक्री की प्रथाएं फिर से सामान्य हो गईं।