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हमारी परंपरा और संस्कृति का अनोखा समन्वय है रामायण – मनमोहन सामल
भुवनेश्वर। आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर राज्य भाजपा कार्यालय में आज विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित महाकाव्य रामायण केवल एक साहित्यिक कृति नहीं है, बल्कि यह हमारी परंपरा और संस्कृति का अनोखा समन्वय है। यह हमारे जीवन प्रवाह का अभिन्न हिस्सा है।
कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि समाज में जब कोई कठिनाई या निराशा उत्पन्न होती है, तब हमें रामायण की शिक्षाओं को याद करना चाहिए। रामायण सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों पर चलकर जीवन में संघर्ष करने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सामल ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि ने रामराज्य के सिद्धांतों, त्याग, निष्ठा और कड़ी मेहनत के महत्व को स्पष्ट रूप से वर्णित किया है। उनकी शिक्षाएँ समाज सुधार और व्यक्तिगत विकास के लिए आज भी प्रासंगिक हैं।
इस अवसर पर सांसद रवींद्र नारायण बेहरा, विधायक छबी मल्लिक, राज्य मुखपत्र दिलीप मल्लिक, अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुशांत मल्लिक, वरिष्ठ नेता रंजन पटेल और पूर्णचंद्र मल्लिक सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
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