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भारत को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का वैश्विक केंद्र बनाएगा केसीआईएएम : न्यायमूर्ति संदीप मेहता
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कीट की ओर से कीट सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन एंड मेडिएशन लॉन्च किया गया। स्थानीय एक होटल में कीट सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन एंड मेडिएशन (केसीआईएएम) का कर्टेन रेजर एवं विजन लॉन्च हुआ। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध न्यायाधीशों, न्यायविदों और विधि विशेषज्ञों ने इसे भारत को वैश्विक मध्यस्थता मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया तथा इस ऐतिहासिक पहल के लिए कीट-कीस-कीम्स के संस्थापक प्रोफेसर अच्युत सामंत को साधुवाद दिया।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने अपने सारगर्भित संबोधन में केसीआईएएम को समयानुकूल और दूरदर्शी पहल बताते हुए कहा कि यह सेंटर विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा। इसके साथ ही भावी मध्यस्थों को प्रशिक्षित करेगा तथा सर्वोत्तम परम्पराओं पर शोधकार्य को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि केसीआईएएम न केवल इस क्षेत्र की सेवा करेगा, बल्कि भारत को मध्यस्थता और सुलह का वैश्विक केंद्र बनाने के दृष्टिकोण में सार्थक योगदान देगा।
कीट-कीस-कीम्स के संस्थापक प्रोफेसर अच्युत सामंत की गरिमयी उपस्थिति में केसीआईएएम की वेबसाइट भी लॉंच हुई।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के न्यायमूर्ति अब्दुलकावी ए यूसुफ ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की परंपरा में मध्यस्थता और सुलह गहराई से जुड़ी रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि केसीआईएएम निष्पक्षता और पेशेवर मानकों को बनाए रखेगा तो यह सिंगापुर और हांगकांग जैसे वैश्विक मानकों के समकक्ष खड़ा हो सकता है।
पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने कहा कि भुवनेश्वर इस केंद्र के लिए उपयुक्त स्थान है, क्योंकि यह प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में केवल सुलह (मेडिएशन) के माध्यम से ही 58,000 से अधिक मामलों का समाधान हुआ है।
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजेश कुमार ने बताया कि हमें विवादों को विदेश भेजने की प्रवृत्ति कम करनी चाहिए। न्यायमूर्ति आनंद सेन ने कहा कि अब मध्यस्थता और सुलह वैकल्पिक उपाय न रहकर मुख्यधारा की न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बनते जा रहे हैं। न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने भरोसा जताया कि केसीआईएएम विश्वस्तरीय संस्थान बनेगा, जैसा कि प्रोफेसर अच्युत सामंत की विश्व स्तरीय शैक्षिक पहल कीट-कीस है।
पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल डॉ पिंकी आनंद ने अपने संबोधन में बताया कि यह केंद्र भारत की तीव्र गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था की आकांक्षाओं को दर्शाता है और न्यायिक ढांचे को मजबूत करता है। कीट विधि संकाय के प्रोफेसर एमेरिटस प्रो एन एल मित्रा ने कहा कि केसीआईएएम विश्वस्तरीय मध्यस्थता केंद्र होगा और इसमें उत्कृष्ट मध्यस्थों व विधि विशेषज्ञों का पैनल होगा।
केसीआईएएम के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक परीजा ने अपने सारगर्भित स्वागत भाषण में बताया कि यह अभूतपूर्व ऐतिहासिक पहल ओडिशा की आर्थिक प्रगति को नई गति प्रदान करेगी और न्याय को और अधिक सुलभ बनाएगी। कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सरनजीत सिंह ने आभार व्यक्त किया।