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न्यायिक और विधिक जगत की विशिष्ट हस्तियों की होगी उपस्थिति
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मध्यस्थता विवाद समाधान का वैकल्पिक तरीका – हरिचंदन
भुवनेश्वर। द्वितीय राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन का आयोजन 27 और 28 सितंबर 2025 को लोक सेवा भवन, भुवनेश्वर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें न्यायिक और विधिक जगत की कई प्रमुख हस्तियां भाग लेंगी।
ओडिशा सरकार के विधि, कार्य और न्याय मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन और एडवोकेट जनरल, ओडिशा पीताम्बर आचार्य ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मध्यस्थता विवाद समाधान का वैकल्पिक तरीका है, जिसमें पक्षों के बीच मतभेदों को औपचारिक अदालत प्रणाली से बाहर सुलझाने का प्रयास किया जाता है। भारत की परंपरा में सदियों से संवाद और पंचायत प्रणाली के माध्यम से विवादों का समाधान होता रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य मध्यस्थता पर संवाद को समृद्ध करना और प्रैक्टिशनर्स तथा नागरिकों को इसके ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना है।
पहला राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन नई दिल्ली में
पहला राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन 3 मई 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित हुआ था। इसमें भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति रही और विषय था “मध्यस्थता की प्रभावशीलता और पहुंच का अन्वेषण।” इसी घोषणा के तहत ओडिशा राज्य ने देशभर में मध्यस्थता की संस्कृति को फैलाने के उद्देश्य से दूसरा कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई।
द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन की रूपरेखा तय
द्वितीय राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन 27-28 सितंबर 2025 को लोक सेवा भवन, भुवनेश्वर में आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन सत्र 27 सितंबर को शाम 6:30 बजे होगा और इसे भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस बीआर गवई करेंगे। उद्घाटन समारोह में ओडिशा के राज्यपाल डॉ हरी बाबू, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के अन्य न्यायाधीश उपस्थित रहेंगे।
28 सितंबर को तकनीकी सत्र
28 सितंबर को पांच इंटरैक्टिव तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। ये सत्र सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और विभिन्न राज्यों के मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायाधीशों, वरिष्ठ अडिशनल सॉलिसिटर जनरल, अडवोकेट जनरल और वरिष्ठ मध्यस्थों द्वारा अध्यक्षता और सह-अध्यक्षता में होंगे। सत्रों के विषय हैं: मध्यस्थता की चुनौतियां और आगे का मार्ग, भारत में मध्यस्थता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करना, राज्य में मुकदमों में मध्यस्थता, वाणिज्यिक मामलों में मध्यस्थता, और संस्थागत मध्यस्थता का विकास।
तकनीकी सत्रों के बाद समापन समारोह होगा
तकनीकी सत्रों के समापन पर समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। मुख्य भाषण सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरश और कीनोट भाषण जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला देंगे। विशेष संबोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कानून एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल होंगे। समापन समारोह की अध्यक्षता अडवोकेट जनरल, ओडिशा, पीताम्बर आचार्य करेंगे। सम्मेलन से उम्मीद है कि यह मध्यस्थता के क्षेत्र में नई ऊर्जा, विचार और दिशा प्रदान करेगा तथा न्यायिक प्रणाली में संवाद और समन्वय को और सुदृढ़ बनाएगा। सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, कानून विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मध्यस्थों, बार एसोसिएशन के प्रतिष्ठित सदस्यों और शिक्षाविदों की भागीदारी होगी।
थीम और लोगो का अनावरण
सम्मेलन की थीम और लोगो का अनावरण पृथ्वीराज हरिचंदन, माननीय मंत्री, विधि, कार्य और न्याय, ओडिशा द्वारा किया गया। इस सम्मेलन से भारत में मध्यस्थता के क्षेत्र को और व्यापक बनाने तथा न्यायिक प्रक्रिया को अधिक समावेशी और संवेदनशील बनाने की उम्मीद जताई गई है।