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आयुर्वेद एक पूर्ण स्वास्थ्य विज्ञान – मोहन माझी

  •     राज्यस्तर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2025 का आयोजन

  •     मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद को बताया भारत का अमूल्य योगदान

भुवनेश्वर। आयुर्वेद पूरे विश्व में भारत का एक अमूल्य योगदान है। हमारा उद्देश्य केवल आयुर्वेद को एक चिकित्सीय प्रणाली के रूप में प्रस्तुत करना नहीं है, बल्कि इसे मानव जाति के कल्याण के लिए हमारे ज्ञान और दार्शनिक दृष्टिकोण के रूप में भी स्थापित करना है। आज स्थानीय जयदेव भवन में राज्यस्तरीय राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ये बातें कहीं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि आयुर्वेद एक पूर्ण स्वास्थ्य विज्ञान है। इसमें उचित उपचार के साथ संतुलित आहार और जीवन शैली के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। जबकि वर्तमान में अधिकांश लोग आधुनिक चिकित्सा प्रणाली अपना रहे हैं, आयुर्वेद की न्यूनतम साइड इफेक्ट और किफायती उपचार पद्धति लोगों को वैकल्पिक चिकित्सा विकल्पों पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। आयुर्वेद और योग हमें एक स्वस्थ जीवन जीने का मार्गदर्शन देते हैं। यह प्रकृति और शरीर के साथ संतुलन बनाए रखते हुए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाता है, जिसके कारण इसे संपूर्ण विश्व ने एक श्रेष्ठ चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्वीकार किया है।

आयुर्वेद शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा को लेकर सक्रिय प्रयास

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक प्रत्येक व्यक्ति योग को एक जीवनशैली के रूप में अपनाया है। हमारे राज्य में आयुर्वेद शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा को लेकर सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं। आयुष विभाग के माध्यम से हम ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर आयुर्वेद चिकित्सा को पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद मानव जीवन का एक अविभाज्य हिस्सा होना चाहिए, जहां रोग का इलाज न केवल रोग प्रतिकार, बल्कि स्वास्थ्य संरक्षण और रोग रोकथाम पर केंद्रित हो।

योग, आयुर्वेद आदि हजारों वर्षों का ज्ञान

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग, आयुर्वेद आदि हजारों वर्षों का ज्ञान हैं। आज ये सभी चिकित्सा पद्धतियां दिन-ब-दिन लोकप्रिय हो रही हैं। विश्व आज भारतीय चिकित्सा विज्ञान में रुचि दिखा रहा है। हमारे शास्त्र, पुस्तकें और पांडुलिपियां, जैसे अथर्ववेद में वर्णित चिकित्सा विज्ञान पूरी तरह अनुसंधान और आधुनिक अनुसंधान के दायरे में नहीं आए हैं। इसके लिए और अधिक अनुसंधान आवश्यक है। यह दिवस हमें हमारी प्राचीन पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की याद दिलाता है। आपके सहयोग से हम आयुर्वेद को विश्व मंच पर प्रसारित करने का प्रयास जारी रखेंगे।

आयुर्वेद चिकित्सा के विस्तार पर फोकस

कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ मुकेश महालिंग ने कहा कि आयुष विभाग के माध्यम से हम ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर आयुर्वेद चिकित्सा को पहुंचाने में ठोस कदम उठा रहे हैं। आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से इस वर्ष अब तक लगभग 2 करोड़ 30 लाख से अधिक रोगियों को सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। बहुत शीघ्र रायरंगपुर में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज भी खोला जाएगा।

इस अवसर पर राज्य आयुष निदेशालय की ओर से एक नई पत्रिका का विमोचन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग सचिव और कमिश्नर अश्वथी एस ने स्वागत भाषण दिया, जबकि आयुष निदेशिका अंजना पंडा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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