-
कुल 37,611 अपराध, 2,933 दुष्कर्म और 2,161 सार्वजनिक निर्वस्त्र मामले दर्ज
-
मुख्यमंत्री माझी ने जून 2024 से जुलाई 2025 तक की स्थिति साझा की
-
बीजद ने सुरक्षा पर उठाए गंभीर सवाल
भुवनेश्वर। ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में जो जानकारी दी, वह चिंताजनक हैं। उन्होंने बताया कि 1 जून 2024 से 31 जुलाई 2025 तक महिलाओं के खिलाफ कुल 37,611 अपराध दर्ज किए गए। यह जानकारी उन्होंने वरिष्ठ विधायक अरुण साहू के प्रश्न के उत्तर में साझा की।
छेड़छाड़ और अपहरण के मामले सबसे अधिक
मुख्यमंत्री ने बताया कि छेड़छाड़ और अपहरण से जुड़े मामले सबसे अधिक थे। इन दोनों श्रेणियों में कुल 17,408 मामले दर्ज हुए, जो कुल अपराधों का लगभग 46.3 प्रतिशत है। अन्य गंभीर मामले भी दर्ज हुए, जिनमें ईव-टीजिंग के 702 मामले, स्टॉल्किंग के 447 मामले और शादी के बाद संबंध बनाने से मना करने पर 334 शिकायतें शामिल हैं। इसके अलावा दहेज हत्या के 264, दहेज से संबंधित आत्महत्या के 44, और दुष्कर्म की कोशिश के 174 मामले भी दर्ज हुए।
अपराध के आंकड़े
– छेड़छाड़ के मामले: 9,181
– अपहरण/किडनैपिंग के मामले: 8,227
– दहेज से संबंधित प्रताड़ना: 5,464
– दहेज से असंबंधित प्रताड़ना: 6,134
– दुष्कर्म के मामले: 2,933
– सार्वजनिक निर्वस्त्र करने के मामले: 2,161
– यौन उत्पीड़न: 1,278
तीन एसिड हमले के मामले
असामान्य मामलों में तीन एसिड हमले, दो एसिड हमले की कोशिशें और एक मामला “यौन संबंध जो दुष्कर्म नहीं माना गया” के रूप में दर्ज है।
अरुण साहू ने स्थिति की कड़ी आलोचना की
बीजद नेता अरुण साहू ने इस स्थिति की कड़ी आलोचना की और कहा कि सिर्फ 14 महीनों में 37,611 महिलाओं के खिलाफ अपराध हुए। इससे स्पष्ट होता है कि महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सरकार को शर्म महसूस करनी चाहिए और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। महिलाएं आज घर से बाहर भी स्वतंत्र रूप से नहीं निकल सकतीं। हालांकि भाजपा नेताओं की ओर से अरुण साहू की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।