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भुवनेश्वर में हुआ “नशा मुक्त युवा सम्मिट”
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भारत सरकार की मुहिम को राष्ट्रीय हिन्दू संगठन ने आगे बढ़ाया
भुवनेश्वर। भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय हिन्दू संगठन के सहयोग से “नशा मुक्त युवा फॉर विकसित भारत” विषय पर भुवनेश्वर में युवा सम्मेलन (युवा समिट) आयोजित किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ सुनीति मुंड, अध्यक्ष, ओडिशा राष्ट्रीय हिन्दू संगठन एवं नोडल प्रभारी, युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने किया।
सेवा सप्ताह के अंतर्गत सोआ विश्वविद्यालय आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में 210 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कर भाग लिया। सम्मेलन में योग और ध्यान सत्र, प्रेरक भाषण और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को नशे के खिलाफ एकजुट होने का संदेश दिया गया।
मुख्य अतिथि पूर्व नौसेना अधिकारी एवं इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर विशेषज्ञ विद्याधर नायक ने कहा कि आज भारत की सबसे बड़ी चुनौती युवाओं में नशे की लत है। वक्ता डॉ उदित पंडा और विशेष अतिथि पुलिस निरीक्षक अभिमन्यु दास ने भी युवाओं को जागरूक किया। नशे से उबर चुके गिरीश रंजन मोहंती ने अपनी जीवनगाथा सुनाकर छात्रों को भावुक किया।
इसी तरह से सृष्टि एकादमी में 130 छात्र-छात्राएं इस अभियान से जुड़े। यहां पूर्व सेना अधिकारी रवींद्र कुमार साहू, डॉक्टर सौम्य रंजन मिश्र और कवि किशन खंडेलवाल मुख्य अतिथियों के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान नशा से मुक्त हो चुके अमरेंद्र दास ने अपनी आप बीती सुनाई। कॉलेज के प्राचार्य डॉ उमाकांत दास ने स्वागत किया और सहायक प्रोफेसर कल्याणी सेनापति ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
रमादेवी महिला विश्वविद्यालय में 250 छात्राएं इस अभियान से जुड़ी और वीसी प्रोफेसर चंडी चरण रथ ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर कर्नल ज्योतिमय सतपथी, आईआईसी सुचित्रा वीर्यदास, विद्याधर नायक और सहायक प्रोफेसर अपराजिता विश्वाल, दिनबंधु षाड़ंगी, व्यंग्य कवि सत्य न्यास, राष्ट्रीय हिंदू संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (विधि प्राकोष्ठ) की उपस्थिति रही। यहां नशा से मुक्त हो चुके तथा दूसरे को प्रेरित करने वाले ट्रू लाइफ फाउंडेशन के चेयरमैन सौम्यश्री प्रियदर्शन कर ने अपनी आपबीती सुनाई।
आंकड़ों से सामने आई भयावह तस्वीर
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में 6.5 करोड़ से अधिक लोग नशे की गिरफ्त में हैं। सर्वेक्षणों में पाया गया कि 13 वर्ष की उम्र से ही स्कूलों में बच्चे ड्रग्स का सेवन करने लगते हैं। बड़े शहरों में हर 10 में से एक बच्चा नशे से जुड़ा है, जबकि कॉलेज छात्रों में यह संख्या 10% से भी अधिक है।
प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक नशे के तस्कर गिरफ्तार
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2019 से 2024 के बीच 1,30,634 एकड़ अवैध अफीम की खेती नष्ट की गई और प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक लोगों को नशे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है। पिछले वर्ष ही देशभर में ₹40,000 करोड़ से अधिक के नशीले पदार्थ पकड़े गए, जो कुल अवैध कारोबार का 10% भी नहीं है।
नशे से मुक्ति ही विकसित भारत की राह
डॉ सुनीति मुंड ने कहा कि नशे के कारण युवाओं का भविष्य, शिक्षा और परिवार सभी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि योग, अध्यात्म, संवाद और पुनर्वास सेवाओं के माध्यम से युवाओं को नशे से बाहर निकालना होगा। राष्ट्रीय हिन्दू संगठन के सहयोग से यह अभियान भुवनेश्वर के तीन कॉलेजों में पहले ही संपन्न हो चुका है और इसे राज्यभर में आगे बढ़ाया जाएगा।