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मुख्यमंत्री ने उर्वरक आपूर्ति स्थिति की समीक्षा की

  •     राज्य में उर्वरक की कोई कमी नहीं

  •     30 सितम्बर तक 9,55,000 मीट्रिक टन उर्वरक की होगी आवश्यकता

  •     केंद्र सरकार ने किया है इतनी ही मात्रा का आवंटन

  •     उर्वरक आवंटन की मॉनिटरिंग करने के लिए जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री का निर्देश

  •     शिकायत मिलते ही तुरंत सख्त कार्रवाई करें – मुख्यमंत्री

भुवनेश्वर। लोकसेवा भवन में मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने आज राज्य में उर्वरक आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की और सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे प्राइमरी एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव सोसाइटी (पैक्स) और लार्ज एरिया मल्टी परपज़ कोऑपरेटिव सोसाइटी (लैंप्कस) के माध्यम से उर्वरक आवंटन की नियमित निगरानी सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी काला बाजारी, जमाखोरी या नकली खाद का मामला सामने आता है तो विभागीय अधिकारी तत्काल कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जब्ती की बजाय ज़ब्त उर्वरक को निकटतम पैक्स या लैंप्कस को हस्तांतरित कर किसानों को उपलब्ध कराया जाए। बैठक में यह जानकारी दी गई कि राज्य में उर्वरक की कोई कमी नहीं है और सभी जिलों में आवश्यकतानुसार वितरण सुचारु रूप से चल रहा है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, खरीफ 2025 के लिए 30 सितंबर तक कुल 9,55,000 मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता होगी, जिसे केंद्र सरकार ने पहले ही आवंटित कर दिया है। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त उर्वरक की मांग की जाएगी। वर्तमान में राज्य सरकार के पास 11,66,733 मीट्रिक टन उर्वरक का भंडार है, जिसमें से 9,85,967 मीट्रिक टन पहले ही किसानों को वितरित किया जा चुका है।

अवैध गतिविधियों की नियमित जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले की मांग और भंडार की स्थिति के अनुसार पैक्स और लैंप्कस को विभिन्न ग्रेड के उर्वरक की आपूर्ति की जाए। मार्कफेड अधिकारियों को भी आपूर्ति तेज़ करने के निर्देश दिए गए। जिलों और ब्लॉकों में अवैध गतिविधियों की नियमित जांच और काला बाज़ारी रोकने के लिए प्रवर्तन कार्यवाही और सख्त करने पर बल दिया गया।

तेलहन और दलहन जैसी फसलों को प्रोत्साहन

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार फसल विविधीकरण और एकीकृत कृषि प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए तेलहन और दलहन जैसी फसलों को प्रोत्साहित कर रही है। “समृद्ध किसान योजना” के माध्यम से कृषि उत्पादन को कई गुना बढ़ाने का लक्ष्य है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को विशेष सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वहां के किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

जिलाधिकारियों से बातचीत की

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से बातचीत की और उर्वरक वितरण की स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसानों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

बैठक में उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, सहकारिता मंत्री प्रदीप बल सामंत, मुख्य शासन सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त अनु गर्ग, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव शाश्वत मिश्र और कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद पाढ़ी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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