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ओडिशा में आत्महत्या रोकने को “जीवन जिंदाबाद” का शुभारंभ

  •     मोहन माझी ने शुरू किया आत्महत्या जैसी गंभीर सामाजिक चुनौती के खिलाफ उम्मीद की नई किरण जगाने का प्रयास

  •     विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर मुख्यमंत्री ने दुनिया को दी नई दिशा

  •     कठिनाइयों से नहीं भागने का किया आह्वान

भुवनेश्वर। महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की पावन धरती, जिसने सदियों से मानवता और शांति का संदेश दुनिया को दिया है, आज फिर से वैश्विक समाज को नई राह दिखा रही है। पुरी की यह पवित्र भूमि, जहां से करुणा और सद्भावना का संदेश पूरी दुनिया में गूंजता है, अब आत्महत्या जैसी गंभीर सामाजिक चुनौती के खिलाफ उम्मीद की नई किरण जगाने जा रही है।

विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने राज्यव्यापी अभियान “जीवन जिंदाबाद” का शुभारंभ किया और जनता से आह्वान किया कि कठिनाइयों से भागना नहीं, बल्कि उनसे जूझना ही जीवन का असली साहस है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव और प्रभाती परिडा ने भी लोगों से मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और जीवन को प्रेम व विश्वास से जीने का संदेश दिया।

जीवन ईश्वर का अनमोल उपहार – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री माझी ने अपने संदेश में कहा कि जीवन ईश्वर का अनमोल उपहार है। आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं, बल्कि यह पूरे परिवार को आजीवन पीड़ा और निराशा की ओर धकेल देती है। समस्याएं चाहे कितनी भी बड़ी हों, उनका समाधान संभव है। इसलिए हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और हर कठिनाई से साहसपूर्वक लड़ना चाहिए।

आइए संकल्प लें – समस्याओं से लड़ें

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में लिखा कि आइए संकल्प लें, समस्याओं से लड़ें, जीवन को प्रेम करें और आत्महत्या रोकने के लिए व्यापक सामाजिक जागरूकता पैदा करें।

ब्लैकमेलिंग पर अधिकारियों को सूचित करें

उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि यदि कोई ब्लैकमेलिंग, उत्पीड़न या मानसिक दबाव का सामना कर रहा है तो उसे चुप न रहकर तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर नागरिक की समस्याओं के समाधान में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जीवन अमूल्य है – सिंहदेव

उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने कहा कि हर जीवन अनमोल है और इसे संवेदनशीलता, करुणा और सहानुभूति से संभालना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आलोचना की जगह करुणा और चुप्पी की जगह संवाद को अपनाकर ही हम ऐसा समाज बना सकते हैं, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी पीड़ा में अकेला महसूस न करे।

किसी भी समस्या का हल आत्महत्या नहीं

वहीं, उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने कहा कि किसी भी समस्या का हल आत्महत्या नहीं हो सकता। यह केवल कमजोर मानसिकता का संकेत है। आत्महत्या निवारण दिवस इसी सोच को बदलने का अवसर है और हमारी सरकार का ‘जीवन जिंदाबाद’ अभियान इस दिशा में अनूठा प्रयास है, जो पूरे समाज को नई सोच देगा।

समाज के लिए सामूहिक संकल्प

बताया जा रहा है कि ओडिशा सरकार का यह अभियान केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जिसमें समाज को जागरूक करना और हर जीवन को बचाना ही लक्ष्य है। महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की कृपा से और धौली की शांति परंपरा से प्रेरित होकर शुरू हुआ “जीवन जिंदाबाद” अभियान न केवल ओडिशा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए यह संदेश लेकर आया है कि जीवन सबसे बड़ा सत्य है और हर कठिनाई का समाधान संघर्ष, विश्वास और प्रेम में निहित है।

ओडिशा की धार्मिक, आस्था, शांति और मानवता की धारा

ओडिशा की धरती केवल धार्मिक आस्था की ही नहीं, बल्कि शांति और मानवता की भी धारा है। धौली का शांति स्तूप इसका जीवंत प्रतीक है। यहीं कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने रक्तपात और हिंसा से तौबा कर मानवता, करुणा और अहिंसा का मार्ग चुना। कलिंग की यह ऐतिहासिक धरा आज भी दुनिया को यह संदेश देती है कि संघर्ष का समाधान हिंसा या पलायन नहीं, बल्कि शांति और जीवन से प्रेम है। मुख्यमंत्री माझी का “जीवन जिंदाबाद” अभियान उसी विरासत की आधुनिक अभिव्यक्ति है, जो जीवन को बचाने और समाज को जागरूक बनाने की दिशा में एक वैश्विक पहल साबित हो सकती है।

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