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कहा – बीजद का मतदान से दूर रहना राजनीतिक आत्महत्या
भुवनेश्वर। पूर्व बीजद सांसद तथागत सतपथी ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेने के अपने पूर्ववर्ती दल की आलोचना की। इस कदम को राजनीतिक आत्महत्या बताते हुए सतपथी ने कहा कि पार्टी ने अपनी बची-खुची राजनीतिक प्रासंगिकता भी नष्ट कर दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देर रात लिखे एक पोस्ट में सतपथी ने लिखा कि ओडिशा के बीजद जनता दल (बीजद) ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान न करने का फैसला करके अपने पूरे राजनीतिक अस्तित्व को ही हारा-किरी कर दिया है, जो भी थोड़ा-बहुत बचा था। उन्होंने बीजद के काले रंग के लोगो का एक संशोधित संस्करण भी साझा किया। अपनी टिप्पणी की व्याख्या करते हुए सतपथी ने पार्टी के इस कदम की तुलना हारा-किरी से की, जो जापानी शब्द है जिसका अर्थ है आत्म-विनाश या सम्मान के लिए बलिदान।
पार्टी के वर्तमान में राज्यसभा में सात सदस्य हैं, लेकिन उसने न तो कोई उम्मीदवार खड़ा किया है और न ही किसी पक्ष को समर्थन दिया है।
इससे पहले सतपथी ने केंदुझर में युवाओं के रोजगार से संबंधित प्रस्तावों की कथित रूप से अनदेखी करने के लिए बीजद प्रमुख नवीन पटनायक की भी आलोचना की है।
उनकी नवीनतम टिप्पणी नेतृत्व पर उनके लगातार हमलों को और बढ़ाती है, जिसके बारे में उनका कहना है कि नेतृत्व प्रमुख मुद्दों को प्राथमिकता देने में विफल रहा है और ऐसे राजनीतिक विकल्प चुन रहा है जिन्हें उन्होंने आत्मघाती राजनीतिक विकल्प बताया है।