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एम्स भुवनेश्वर बना स्वास्थ्य आपात प्रबंधन का पथप्रदर्शक

  •     मेडिकल ऑक्सीजन मैनेजमेंट पर राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित

भुवनेश्वर। कोविड-19 महामारी से मिले सबक को ध्यान में रखते हुए और भविष्य की आपात स्थितियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एम्स भुवनेश्वर ने सोमवार को मेडिकल ऑक्सीजन प्रबंधन पर राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) का आयोजन किया। यह पहल देशभर में ऑक्सीजन प्रबंधन के मानकीकरण और व्यापक प्रशिक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।

इस कार्यक्रम का आयोजन एम्स भुवनेश्वर के अस्पताल प्रशासन विभाग ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ और एम्स नई दिल्ली के सहयोग से किया। उद्घाटन एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ आशुतोष विश्वास ने किया। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिलीप कुमार परिडा, डीन (अकादमिक) डॉ पीआर महापात्र, डीन (अनुसंधान) डॉ सत्यजीत मिश्र, डीडीए लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सरकार, एम्स नई दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ निरुपम मदान, अतिरिक्त प्रोफेसर और परियोजना प्रमुख डॉ विजयदीप सिद्धार्थ, तथा अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख डॉ जवाहर एसके पिल्लई मौजूद रहे।

ऑक्सीजन प्रबंधन में क्षमता निर्माण अनिवार्य

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती वी हेकाली झिमोमी ने वीडियो संदेश के माध्यम से सभा को संबोधित किया और मेडिकल ऑक्सीजन प्रबंधन में क्षमता निर्माण को भविष्य के लिए अनिवार्य बताया। वहीं,  भारत भूषण दहिया, तकनीकी विशेषज्ञ (ऑक्सीजन पीएमयू, स्वास्थ्य मंत्रालय) ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

व्यापक प्रशिक्षण और दक्षता बढ़ाना अब समय की मांग

अपने संबोधन में डॉ विश्वास ने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन संकट से सीखे गए अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में मेडिकल गैसों की गुणवत्ता, सुरक्षा और तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और दक्षता बढ़ाना अब समय की मांग है।

ऑक्सीजन प्रबंधन पर विस्तृत सत्र

कार्यक्रम के दौरान अस्पताल प्रशासन, बाल रोग, नवजात विज्ञान और आपातकालीन चिकित्सा के विशेषज्ञों ने मेडिकल गैस सिस्टम की योजना, नियामक ढांचा और ऑक्सीजन प्रबंधन पर विस्तृत सत्र लिए। प्रतिभागियों को वयस्क, बाल और नवजात रोगियों के लिए ऑक्सीजन प्रबंधन से संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। वेंटिलेटर उपयोग और आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया की रणनीतियों पर भी प्रशिक्षण दिया गया।

नए प्रबंधन मॉडल की शुरुआत रही मुख्य आकर्षण

इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण एक नए प्रबंधन मॉडल की शुरुआत थी, जो स्थानीय स्तर पर पेशेवर नेतृत्व वाले ऑक्सीजन प्रबंधन, नियमित ऑडिट और संकट की घड़ी में तेज प्रतिक्रिया की व्यवस्था को बढ़ावा देता है। इस राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण में ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, अंडमान-निकोबार समेत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और एम्स परिसरों जैसे एम्स भुवनेश्वर, एम्स देवघर, एम्स रायपुर, एम्स पटना और एम्स गुवाहाटी से कुल 74 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

अधिकारियों ने कहा कि अपनी तरह का यह पहला कार्यक्रम भविष्य की चिकित्सा आपात स्थितियों में ऑक्सीजन से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत और लचीले स्वास्थ्य ढांचे के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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