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लाखों योग्य महिलाएं अब भी लाभ से वंचित
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हरकत में आई राज्य सरकार
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अयोग्यों को बाहर करने की प्रक्रिया तेज
भुवनेश्वर। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘सुभद्रा’ में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। लाखों अयोग्य लोग चालाकी से इस योजना में शामिल हो गए हैं, जबकि लाखों योग्य महिलाएं अब भी लाभ से वंचित हैं। लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद सरकार हरकत में आई है और अयोग्यों को बाहर करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसको लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग ने वाणिज्य और परिवहन विभाग को पत्र लिखकर सख्त कदम उठाने को कहा है।
चुनावी वादे के तहत शुरू हुई थी योजना
राज्य सरकार ने बीते साल 17 सितंबर को चुनावी वादे को पूरा करने के लिए ‘सुभद्रा योजना’ की शुरुआत की थी। योजना के तहत अब तक एक करोड़ से अधिक हितधारियों को तीन किस्तों में 15 हजार रुपये मिल चुके हैं, लेकिन शिकायत है कि जांच-पड़ताल में लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में अयोग्य महिलाएं लाभ ले रही हैं और गरीब, असली हकदार महिलाएं बाहर रह गई हैं।
आदिवासी महिलाओं ने उठाई आवाज
गुणुपुर ब्लॉक के टिट्टिमीरी पंचायत क्षेत्र के गुड़ा, सिंघपदर, अंकरैली, लक्ष्मीपुर और पात्रपुर गांव की 50 से अधिक आदिवासी महिलाएं सहायक जिलाधिकारी के समक्ष पहुंचीं। उन्होंने कहा कि योजना शुरू होते ही उन्होंने जन सेवा केंद्र में आवेदन दिया था, लेकिन आज तक लाभ नहीं मिला।
अब होगा सख्त सत्यापन
सरकार ने अब चारपहिया वाहन रखने वाले लाभार्थियों की सूची वाणिज्य एवं परिवहन विभाग से मिलान कराने का आदेश दिया है। मृत लाभार्थियों का डेटा स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति विभाग से मिलाया जाएगा। साथ ही खाद्य आपूर्ति विभाग से यह भी जांच कराई जाएगी कि कहीं धान बेचने वाली पंजीकृत महिलाएं इस योजना का अनुचित लाभ तो नहीं उठा रही हैं।
सरकार का कहना है कि किसी भी हाल में अयोग्य को योजना का लाभ नहीं मिलेगा और असली हकदारों को वरीयता दी जाएगी।