-
सात दिन बाद भी खेतों में भरा पानी
-
भारी नुकसान से जालेश्वर व भोगराई ब्लॉक के किसान परेशान
बालेश्वर। सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आने के बाद भी बालेश्वर जिले के किसानों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जालेश्वर क्षेत्र और भोगराई ब्लॉक के विशाल खेतों में पानी भरा रहने से धान की खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
ग्रामीणों के अनुसार, बाढ़ का पानी घटे हुए एक सप्ताह से अधिक बीत चुका है, फिर भी खेत अब तक जलमग्न हैं। कई इलाकों में धान की रोपाई पूरी तरह सड़ गई है। किसान भयभीत हैं कि इस साल भारी फसल नुकसान झेलना पड़ेगा।
62 गांवों की 10,000 हेक्टेयर जमीन प्रभावित
केवल भोगराई ब्लॉक में ही 9 पंचायतों के 62 गांवों की खेती प्रभावित हुई है। इस साल करीब 10,000 हेक्टेयर जमीन पर धान की बुवाई की गई थी, लेकिन लगातार जलभराव के कारण अधिकतर फसलें नष्ट होने के कगार पर हैं।
दोबारा बोआई की संभावना नहीं
किसानों का कहना है कि खेतों में जलभराव के कारण दोबारा बुवाई करना असंभव है। कई किसानों ने खेती के लिए कर्ज लिया था और अब उनका पूरा सहारा टूट गया है।
एक किसान ने बताया कि 15 दिन पहले धान की रोपाई की थी, लेकिन बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। मैंने तीन एकड़ खेत के लिए 50,000 रुपये का कर्ज लिया था।
मुआवजे और राहत की मांग
दूसरे किसान ने कहा कि मेरी दो एकड़ जमीन पूरी तरह जलमग्न है। पानी उतरने में अभी 5–6 दिन और लगेंगे। खेती पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
किसानों ने प्रशासन से जल्द से जल्द जलनिकासी की व्यवस्था करने और फसल नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है।
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
