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पूर्व बीजद सांसद पिनाकी मिश्र की मुश्किलें बढ़ीं

  •     वित्तीय अनियमितता के लगे गंभीर आरोप

  •     मनी लॉन्ड्रिंग और रक्षा मामलों में संदिग्ध सवालों को लेकर जांच के घेरे में

  •     नोटबंदी के दौरान उनके द्वारा जमा की गई भारी नकद

पुरी। पूर्व बीजू जनता दल (बीजद) सांसद पिनाकी मिश्र गंभीर आरोपों के बाद जांच एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं। राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मिश्र पर वित्तीय अनियमितता, मनी लॉन्ड्रिंग, संदिग्ध संपत्ति लेन-देन और विदेशी फंडिंग में गड़बड़ी जैसे आरोप लगे हैं। आरोपों में यह भी कहा गया है कि नोटबंदी के दौरान उनके द्वारा भारी नकद जमा की गई थी।

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अत्यंत संवेदनशील रक्षा विषयों पर सवाल पूछे

सबसे गंभीर आरोप यह है कि मिश्र ने संसद में कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अत्यंत संवेदनशील रक्षा विषयों पर सवाल पूछे। इसमें भारत की परमाणु पनडुब्बियों, मिसाइल प्रणाली, ऑपरेशनल क्षमता और यहां तक कि रूस से संबंधित रणनीतिक मुद्दों पर भी सवाल शामिल बताए गए हैं। इन सवालों पर उनकी मंशा को लेकर संदेह जताया जा रहा है।

भारत के पास कितनी सक्रिय परमाणु पनडुब्बियां?

शिकायतों में दावा किया गया है कि मिश्र ने संसद में यह जानने की कोशिश की कि भारत के पास कितनी सक्रिय परमाणु पनडुब्बियां हैं और उन्होंने आईएनएस अरिहंत व आईएनएस चक्र जैसे गोपनीय प्लेटफॉर्म पर भी प्रश्न पूछे। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की दृष्टि से देखा जा रहा है।

दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज

सूत्रों के अनुसार, पिनाकी मिश्र के खिलाफ दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें एक वित्तीय अनियमितता और संदिग्ध संपत्ति लेन-देन से जुड़ी है, जबकि दूसरी रक्षा मामलों में बार-बार किए गए सवालों पर केंद्रित है। गृह मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन शिकायतों को स्वीकार कर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

पत्नी महुआ मोइत्रा भी जांच के दायरे में

आरोपों में यह भी उल्लेख है कि मिश्र की पत्नी और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पहले से ही इसी तरह के विवाद में फंसी थीं, जब उन पर एक व्यापारी को लाभ पहुंचाने के लिए संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा था। इससे मिश्र के खिलाफ मौजूदा जांच और भी गंभीर हो गई है। सूत्र बताते हैं कि जांच एजेंसियां यह भी परखेंगी कि क्या मिश्र के सवाल बाहरी कारोबारी हितों से प्रभावित थे। फिलहाल उनकी ओर से इस पूरे मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी।

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