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किसानों के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता – मोहन माझी

  •  पहले ही कैबिनेट बैठक में चुनावी वादे के अनुरूप मिली समृद्ध किसान योजना को स्वीकृति

भुवनेश्वर। पवित्र नुआखाई पर्व के अवसर पर ओयूएटी, भुवनेश्वर स्थित कृषि शिक्षा सदन में कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग द्वारा रवि 2025-26 हेतु सीएम किसान सहायता राशि के वितरण के आयोजित राज्यस्तरीय उत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि हमारी सरकार के सत्ता में आते ही किसानों के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।

उन्होंने कहा कि इसी कारण, पहले ही कैबिनेट बैठक में चुनावी वादे के अनुरूप समृद्ध किसान योजना को स्वीकृति दी गई थी। इसके अंतर्गत किसानों को प्रति क्विंटल 3100 का भुगतान किया गया और रिकॉर्ड 92.63 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई।

उन्होंने आगे कहा कि आज राज्य के 51 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों और 39,239 भूमिहीन कृषक परिवारों को सीएम किसान योजना की तीसरी किस्त के रूप में 1,041 करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए वितरित किए गए।

कृषक समृद्धि योजना में 18 लाख से अधिक किसान पंजीकृत

उन्होंने यह भी कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि वर्तमान वर्ष कृषक समृद्धि योजना में अब तक 18 लाख से अधिक किसान पंजीकृत हो चुके हैं। ऐसा कोई किसान न हो जो इससे वंचित रह जाए, इस पर मैं व्यक्तिगत रूप से ध्यान दूंगा। क्योंकि अन्नदाताओं की उन्नति के बिना राज्य की प्रगति असंभव है।

भूमिहीन कृषक परिवारों को मिलते हैं 12,500 रुपये

उन्होंने कहा कि प्रत्येक फसल ऋतु के लिए छोटे और सीमांत किसानों को 2000 रुपये (यानी वार्षिक 4000 रुपये) दिए जाते हैं। किसान इस सहायता राशि का उपयोग आवश्यक कृषि सामग्री खरीदने में करते हैं। भूमिहीन कृषक परिवारों को बकरी, मुर्गी, बतख पालन तथा मशरूम/मधुमक्खी पालन और अन्य संबद्ध कृषि कार्यों हेतु तीन किस्तों में कुल 12,500 रुपये प्रदान किए जाते हैं।

मैं व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखूंगा

उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को इससे वंचित न रहना पड़े, इस पर मैं व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखूंगा। क्योंकि अन्नदाताओं की उन्नति के बिना राज्य की प्रगति असंभव है। उन्होंने आगे कहा कि फसलों की सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी से कई किसान कल्याण योजनाएं लागू की जा रही हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना), बदलते जलवायु और विलंबित मानसून का सामना कर सुनिश्चित उत्पादन पाने के लिए फसल विविधीकरण प्रणाली जैसी योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर की तैयारी

आलू ओडिशा की प्रमुख सब्जी फसलों में से एक है। राज्य को आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 3,115 क्लस्टरों में 36 हजार से अधिक किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं और लगभग 1 लाख हितधारियों को आलू की खेती से जोड़ा गया है। पिछले वर्ष राज्य के सभी जिलों में 1,60,874 क्विंटल प्रमाणित बीज आलू वितरित किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक है।

कोल्ड स्टोरेज स्थापना हेतु वित्तीय सहायता योजना लागू

राज्य में कोल्ड स्टोरेज स्थापना हेतु वित्तीय सहायता योजना जनवरी 2025 से लागू की गई है। इसका उद्देश्य शीत भंडारण अवसंरचना को सुदृढ़ करना है। प्रत्येक उपखंड स्तर पर कम से कम एक कोल्ड स्टोरेज का निजी सहभागिता से निर्माण किया जाएगा। इसके माध्यम से फसल कटाई उपरांत होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा और कृषि उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर बाजार की सुविधा मिल सकेगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।

1 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी

युवा कृषि उद्यमियों को व्यवसायिक आधारभूत संरचना स्थापित कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री कृषि उद्यम योजना के अंतर्गत रियायत के रूप में 1 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,406 परियोजनाओं को कुल 188 करोड़ 34 लाख रुपये की रियायत प्रदान की गई है।

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