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पानी में जहर घुलने की आशंका
केन्द्रापड़ा। जिले के औल क्षेत्र अंतर्गत एकमानिया गांव में एक साथ 73 भैंसों की मौत हो गई। ये सभी भैंसें गांव के तीन परिवारों, गणेश दास, जगन्नाथ दास और पागला बिश्वाल, की थीं। रविवार को चराई के दौरान भैंसें गालिया नदी पार कर रही थीं, तभी अचानक तेज बहाव में फंसकर एक-एक कर डूब गईं।
बताया जाता है कि तीनों परिवार की कुल मिलाकर करीब 90 भैंसों को चराने ले गए थे, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में एक साथ मौत होने पर संदेह गहराया है। आशंका जताई जा रही है कि झींगा पालन के लिए खेतों में डाले गए कीटनाशक पानी में घुल गए होंगे और भैंसों ने वही दूषित पानी पी लिया होगा।
मालिकों ने लगाई मदद की गुहार
भैंस मालिकों का कहना है कि वे रोजाना इसी रास्ते से भैंसों को चराने ले जाते हैं, लेकिन अचानक भैंसें डूबने लगीं। एक मालिक ने बताया कि मेरी 40 और भाई की 21 भैंसें डूब गईं। किसी तरह बेटे को बचा पाया। हमारे पास खेती की जमीन नहीं है, पूरा गुजारा इन्हीं भैंसों पर था। अब हमारे पास जीने का सहारा ही नहीं बचा। सरकार से निवेदन है कि हमें मदद दी जाए।
जांच में जुटी पशुचिकित्सक टीम
घटना से क्षेत्र में तनाव और अनिश्चितता का माहौल है। पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर मृत भैंसों का पोस्टमार्टम कर रही है। हालांकि अभी तक मौत के सही कारण का खुलासा नहीं हो सका था। जांच जारी थी।