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NIHAR MOHANTI ओटीईटी प्रश्नपत्र लीक मामले में बीएसई उपाध्यक्ष गिरफ्तार

ओटीईटी प्रश्नपत्र लीक मामले में बीएसई उपाध्यक्ष गिरफ्तार

  • डाटा एंट्री ऑपरेटर के जरिए हुआ पेपर लीक

  • क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

भुवनेश्वर। ओडिशा शिक्षक पात्रता परीक्षा (ओटीईटी) के प्रश्नपत्र लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (बीएसई) के उपाध्यक्ष निहार रंजन मोहंती को रविवार को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को उनसे लंबी पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की गई। इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

जांच में सामने आया है कि इस लीक की साजिश में बोर्ड का डाटा एंट्री ऑपरेटर जितन महाराणा मुख्य भूमिका में था। उसके खाते में 2.4 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन पाया गया है, जिससे आर्थिक लेनदेन का सीधा संबंध भी सामने आ गया है।

प्रश्नपत्र लीक का मामला सामने आने के बाद 20 जुलाई को होने वाली स्पेशल ओटीईटी-2025 परीक्षा को रातोंरात रद्द कर दिया गया। परीक्षा की नई तिथि की घोषणा अब तक नहीं की गई है। इस फैसले से राज्य भर में 75,403 सेवा में कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है, जिन्होंने इस विशेष परीक्षा के लिए आवेदन किया था। यह परीक्षा ओडिशा के सभी 30 जिलों में 193 केंद्रों पर आयोजित की जानी थी।

इस मामले ने राज्य के शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग फिर से उठने लगी है। क्राइम ब्रांच की जांच अभी जारी है और और भी बड़े खुलासों की उम्मीद की जा रही है।

उपाध्यक्ष और मुख्य आरोपी के बीच 100 कॉल

अपराध शाखा के महानिदेशक विनयतोष मिश्र ने रविवार को बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के उपाध्यक्ष निहार रंजन मोहंती और इस मामले के मुख्य आरोपी जीतन महाराणा के बीच पिछले 2 से 3 महीनों में करीब 100 बार फोन पर बातचीत हुई थी। यह कॉल्स आधिकारिक कार्य समय से बाहर भी की गई थीं, जिससे संदेह गहराता है।

परीक्षा संचालन टीम का हिस्सा नहीं था जीतन

डीजी मिश्र ने बताया कि जीतन महाराणा परीक्षा संचालन टीम का हिस्सा नहीं था, फिर भी वह लगातार उपाध्यक्ष के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि बोर्ड के उपाध्यक्ष निहार मोहंती ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें जीतन की भूमिका पर संदेह था, फिर भी उन्होंने उसे ऑफिस का लैपटॉप इस्तेमाल करने की अनुमति दी, जबकि उसकी कोई अधिकारिक भूमिका नहीं थी।

उपाध्यक्ष मोहंती की थी पेपर सेट करने की जिम्मेदारी

डीजी के अनुसार, ओटीईटी पेपर सेट करने की जिम्मेदारी उपाध्यक्ष मोहंती की थी। प्रेस से आए पासवर्ड की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास थी, जिसके जरिए प्रश्नपत्र डाउनलोड किया गया था। यह पासवर्ड उपयोग के बाद डिलीट किया जाना था, लेकिन निहार मोहंती ने उसे डिलीट नहीं किया और उल्टे जीतन को लैपटॉप की पहुंच भी दी।

जीतन ने अपराध स्वीकार किया

मामले की जांच में पाया गया कि मोहंती और जीतन के बीच बातचीत न केवल बार-बार हुई, बल्कि कई कॉल्स ऐसे समय पर किए गए जब कोई आधिकारिक कार्य नहीं होता। साथ ही, जीतन ने पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया है।

पासवर्ड का गलत उपयोग हुआ

क्राइम ब्रांच ने पुष्टि की है कि पासवर्ड का गलत उपयोग हुआ और इसका पूरा दायित्व निहार मोहंती पर था। वहीं, यह भी जांच की जा रही है कि कहीं दोनों के बीच पैसे का लेन-देन हुआ है या नहीं। इस षड्यंत्र में किसी आर्थिक लाभ की भूमिका को लेकर गहराई से पूछताछ चल रही है।

मोहंती और जीतन सहित आठ गिरफ्तार

अब तक इस मामले में निहार मोहंती और जीतन महाराणा सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पेपर लीक की वजह से 20 जुलाई को प्रस्तावित विशेष ओटीईटी -2025 परीक्षा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है, जिससे राज्य भर के 75,000 से अधिक इन-सर्विस शिक्षकों पर असर पड़ा है।

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