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balang पुरी के बलांग की नाबालिग पीड़िता ने दिल्ली एम्स में तोड़ा दम

पुरी के बलांग की नाबालिग पीड़िता ने दिल्ली एम्स में तोड़ा दम

  • पिता बोले- बेटी ने मानसिक तनाव में की आत्महत्या

  • मुख्यमंत्री मोहन माझी और उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने जताया शोक

  • पुलिस ने खारिज की हमले की थ्योरी

भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी जिले के बलांग क्षेत्र की 16 वर्षीय नाबालिग लड़की, जिसे आग लगाकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था, ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में शनिवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 2 अगस्त को उसकी मृत्यु की पुष्टि हुई। वह बीते दो हफ्तों से जीवन के लिए संघर्ष कर रही थी और 75 प्रतिशत से अधिक झुलस चुकी थी।

यह दिल दहला देने वाली घटना 19 जुलाई को बलांग के बायबार गांव के पास दिनदहाड़े घटी थी। कहा जा रहा था कि अज्ञात हमलावरों ने किशोरी पर कथित तौर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी थी। घटना के बाद उसे पहले एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत की गंभीरता को देखते हुए 20 जुलाई को एयरलिफ्ट कर एम्स दिल्ली लाया गया। वहां कई सर्जरी और गहन उपचार के बावजूद उसकी स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हो पाया और अंततः उसने दम तोड़ दिया।

इस घटना ने राज्यभर में गुस्सा और शोक की लहर फैला दी। नागरिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने न्याय और कठोर कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गहरा दुःख जताते हुए लिखा कि बलांग की बालिका की मृत्यु की खबर से स्तब्ध हूं। सरकार और एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को शक्ति मिले।

उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने भी पीड़िता के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। पीड़िता की आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी में हिम्मत मिले।

नाबालिग जलाने के मामले में बड़ा मोड़

वहीं इस मामले में नया मोड़ उस समय आया जब पीड़िता के पिता ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि उनकी बेटी ने मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी बेटी को खो दिया है। वह मानसिक तनाव के कारण खुद को खत्म कर बैठी। वह जिस आघात से गुजरी, वह सहनीय नहीं था। ओडिशा सरकार ने मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत कुछ किया है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि इस मामले को राजनीति से न जोड़ा जाए और मेरी बेटी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाए।

पुलिस का बाहरी व्यक्ति की संलिप्तता से इनकार

उधर, ओडिशा पुलिस ने भी मामले में किसी बाहरी व्यक्ति की संलिप्तता से इनकार किया है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर आधिकारिक बयान में कहा कि बलांग की घटना में पीड़िता की मृत्यु अत्यंत दुखद है। जांच पूरी गंभीरता से की गई है और यह अपने अंतिम चरण में है। अब तक की जांच में किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका के प्रमाण नहीं मिले हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि जब तक कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होती, किसी भी अफवाह या अपुष्ट जानकारी पर प्रतिक्रिया देने से बचें।

यह मामला जहां एक ओर न्यायिक और सामाजिक चिंता का विषय बन गया है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े अलग-अलग बयानों ने जांच को और भी जटिल बना दिया है। अब सबकी निगाहें अंतिम पुलिस रिपोर्ट और आगे की कानूनी कार्रवाई पर टिकी हैं।

सीएम व डिप्टी सीएम के आवास पर सुरक्षा कड़ी

नाबालिग लड़की की मौत के बाद ओडिशा पुलिस ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव और प्रभाती परिडा के आवासों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पुलिस ने वीआईपी रिहायशी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सड़कों को सील कर दिया है और अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं।

संभावित सार्वजनिक असंतोष को देखते हुए बलांग के बायाबाड़ा स्थित पीड़िता के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल भेजे गए हैं ताकि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रहे।

ओडिशा पुलिस ने बताया है कि मामले की जांच अंतिम चरण में है और पूरी ईमानदारी से की गई है। पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

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