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रातभर चला खोज अभियान, अभी तक नहीं मिले
बालेश्वर/भुवनेश्वर। बालेश्वर जिले के बालियापाल ब्लॉक अंतर्गत कंकड़पाल गांव से मछली पकड़ने समुद्र में गए एक ही परिवार के चार लोग शनिवार सुबह से लापता हो गए हैं। लापता लोगों की पहचान गोपालगिरि, उनके पुत्र मधुसूदन गिरि और रवींद्र गिरि तथा मधुसूदन के साले जगन्नाथ पाल के रूप में हुई है।
परिवार के अनुसार, यह चारों प्रतिदिन की भांति सुबह 8 बजे मोटरबोट से समुद्र की ओर निकले थे और दोपहर तक लौटने की उम्मीद थी। लेकिन जब तीन बजे तक वे घर नहीं पहुंचे, तो परिवार के लोगों को चिंता हुई और उन्होंने तत्काल बलीपाल पुलिस, मत्स्य विभाग और अग्निशमन विभाग को सूचना दी।
इसके बाद तीनों विभागों ने मिलकर खोज अभियान शुरू किया। हालांकि कई घंटों की कोशिशों के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया। रात में तलाश तेज करते हुए तालसारी मरीन पुलिस ने ड्रोन की मदद से समुद्र तट और आसपास के समुद्री क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया।
परिजनों ने आशंका जताई है कि शायद बोट में कोई तकनीकी खराबी आ गई हो, जिससे वे समुद्र में फंस गए हों। उन्होंने बताया कि आमतौर पर ये लोग बहुत गहरे समुद्र में नहीं जाते थे, जिससे चिंता और बढ़ गई है।
देर रात तक भी जब चारों का कोई पता नहीं चला, तो संभावित दुर्घटना की आशंका से परिजन व्याकुल हो उठे हैं। प्रशासन की ओर से खोज अभियान जारी है, लेकिन अभी तक लापता मछुआरों का कोई सुराग नहीं मिल सका था।
ओडिशा पुलिस ने बताया कि उसने अपनी तटवर्ती थानों की तीन आधुनिक नौकाओं को तलाशी अभियान में लगाया है। इनमें कसफल मरीन थाना की 12 टन क्षमता वाली एक बोट और बलरामगड़ी मरीन थाना की 12 टन और 5 टन की दो अन्य बोटें शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य मत्स्य संसाधन विभाग के सागर मित्र भी इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
ड्रोन की मदद से समुद्र में हवाई निगरानी
पुलिस की तट सुरक्षा इकाई द्वारा ड्रोन की मदद से समुद्र में हवाई निगरानी की जा रही है ताकि लापता मछुआरों की स्थिति का पता लगाया जा सके। आज तड़के से ही समुद्र के भीतर गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
भारतीय तट रक्षक बल भी अभियान में शामिल
राज्य पुलिस के अनुरोध पर भारतीय तट रक्षक बल भी इस खोज अभियान में शामिल हो गया है। साथ ही, समुद्र तट पर भी पुलिसकर्मियों की गश्त और निगरानी को बढ़ा दिया गया है। लापता मछुआरों की खोज के लिए ओडिशा पुलिस पड़ोसी राज्यों के समुद्री थानों के साथ भी संपर्क बनाए हुए है ताकि अभियान को और प्रभावी बनाया जा सके। खोज और बचाव कार्य अभी भी पूरी सक्रियता के साथ जारी है।