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ओडिशा भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल ने चर्चाओं को सिरे से खारिज किया
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दिल्ली दौरे के बाद कहा-संगठनात्मक बदलाव ही है प्राथमिकता
भुवनेश्वर। ओडिशा में संभावित कैबिनेट विस्तार को लेकर जारी अटकलों के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने शनिवार को इन चर्चाओं को सिरे से खारिज कर दिया। दिल्ली से तीन दिवसीय दौरा पूरा कर लौटे सामल ने स्पष्ट कहा कि उनके दौरे का उद्देश्य केवल पार्टी संगठन से जुड़ा था, न कि मंत्रीमंडल में फेरबदल से संबंधित कोई चर्चा।
कैबिनेट विस्तार पर नहीं हुई कोई बातचीत
मीडिया से बातचीत करते हुए सामल ने कहा कि दिल्ली में कैबिनेट विस्तार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। मैं राज्य के कैबिनेट विस्तार पर बात करने के लिए दिल्ली नहीं गया था। हमारी बैठकें केवल लंबित संगठनात्मक कार्यों से संबंधित थीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति से मुलाकात समेत दिल्ली में हुई अन्य बैठकें केवल औपचारिक थीं और उनका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था।
सामल ने आगे कहा कि वर्तमान में राज्य में कैबिनेट विस्तार की कोई संभावना नहीं है और बोर्डों एवं निगमों में नियुक्तियां उचित समय पर की जाएंगी।
दिल्ली दौरे ने बढ़ाई राजनीतिक सरगर्मी
22 जुलाई को दिल्ली रवाना हुए सामल के साथ भाजपा के प्रदेश संगठन सचिव मानस मोहंती भी थे। सामल के दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा था, जिसने राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की अटकलों को जन्म दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की राज्यपाल से मुलाकात ने भी चर्चाओं को हवा दी थी।
सूत्रों के अनुसार, यह उम्मीद जताई जा रही थी कि सामल दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से राज्य में छह रिक्त मंत्री पदों और विभिन्न निगमों के खाली अध्यक्ष पदों को भरने के संबंध में उच्चस्तरीय चर्चा करेंगे। हालांकि, सामल के स्पष्ट बयान से इन अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए हम तैयार
विपक्ष की ओर से लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सामल ने कहा कि विपक्ष का यह अधिकार है कि वह अविश्वास प्रस्ताव लाए। हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार मजबूत है और विपक्ष के किसी भी प्रयास से उसे कोई खतरा नहीं है।
ओडिशा भाजपा में 25% नए चेहरों की होगी एंट्री
मनमोहन सामल ने यह जरूर स्वीकार किया कि भाजपा का आंतरिक पुनर्गठन चल रहा है और जल्द ही पार्टी की नई टीम की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा में नई भाजपा समिति बनाई जाएगी, जिसमें एक नया अध्यक्ष भी चुना जाएगा। पार्टी मुख्यालय में चल रही बैठकों के बारे में उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी में संगठन को मजबूत करने और पार्टी के नए विज़न डॉक्युमेंट पर चर्चा हो रही है।
सामल ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित नई समिति में 25 प्रतिशत नए चेहरे शामिल होंगे। इसके साथ ही पुराने और अनुभवी नेताओं के साथ-साथ युवा और नए चेहरों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। यह संतुलन पार्टी को प्रदेश के हर स्तर पर मजबूत करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य समावेशी नेतृत्व तैयार करना है, जो आने वाले समय में पार्टी की दिशा तय करेगा।
प्रदेश प्रभारी ने भी दोहराया भरोसा
भाजपा के ओडिशा प्रभारी विजयपाल सिंह तोमर ने भी सामल की बातों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक मामलों पर चर्चा हुई है और सभी आवश्यक निर्णय समयानुसार लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी, पदाधिकारियों, बोर्डों और निगमों के गठन पर भी चर्चा की गई है। खाली पड़े मंत्री पदों को भी शीघ्र भरा जाएगा। तोमर ने स्पष्ट किया कि कैबिनेट में बदलाव पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उनका फोकस पार्टी के सांगठनिक ढांचे को मजबूत करना है ताकि प्रदेश में राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार पार्टी मजबूत स्थिति में बनी रहे।
भविष्य की तैयारी में जुटी भाजपा
इन बयानों से स्पष्ट है कि भाजपा ओडिशा में अपने संगठनात्मक ढांचे को नए सिरे से मजबूत करने के लिए कमर कस चुकी है। पार्टी पुराने और नए नेताओं को साथ लेकर आगामी चुनावों और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने की तैयारी में जुटी हुई है।