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दोनों दलों पर जनहित याचिका के माध्यम से राजनीति करने और जनता को गुमराह करने
भुवनेश्वर। बालेश्वर छात्रा आत्महत्या मामले में उच्च न्यायालय की हालिया टिप्पणी ने बीजद और कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों दलों पर जनहित याचिका के माध्यम से राजनीति करने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने तीखा हमला बोला है।
राज्य भाजपा प्रवक्ता अनिल बिश्वाल ने कहा कि जिस प्रकार विपक्षी दलों ने इस संवेदनशील मामले को लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश की, अब उच्च न्यायालय की स्पष्ट टिप्पणी के बाद उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए।
हाईकोर्ट ने मामले की जांच से संतोष व्यक्त करते हुए क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही कार्रवाई को उचित ठहराया है और एसआईटी या न्यायिक जांच की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने इस प्रकरण में जो जांच प्रक्रिया अपनाई, वह सही दिशा में थी।
इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने बीजद और कांग्रेस द्वारा बुलाए गए ओडिशा बंद को लेकर भी गंभीर रुख अपनाते हुए दोनों दलों को नोटिस जारी की है। बंद के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ और व्यापक नुकसान भी हुआ।
अनिल बिश्वाल ने विपक्षी दलों से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा कि जो दल अपने शासनकाल में सैकड़ों महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में कार्रवाई तक नहीं करते थे, वे आज सड़कों पर नाटक कर रहे हैं। बीजद और कांग्रेस में ऐसे कई नेता हैं जो खुद महिला उत्पीड़न के आरोपों से घिरे हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार हमेशा महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है और महिला हिंसा के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाती है। जब सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी की और निष्पक्ष जांच शुरू कर दी थी, तब विपक्ष द्वारा जबरन बंद आयोजित कर जनता को परेशान करने का कोई औचित्य नहीं था।
उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस द्वारा एक दिन के ओडिशा बंद से राज्य को लगभग 1500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ। अब जबकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी कर दी है, तो ओडिशा की जनता बीजेडी और कांग्रेस की नीयत को भलीभांति समझ चुकी है उन्होंने मांग की है कि विपक्ष अपने किए के लिए राज्य की जनता से माफी मांगे और भविष्य में संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति से परहेज करे।