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पूरे राज्य में शटडाउन की मांग
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यह केवल राजनीतिक नहीं, नैतिक आंदोलन : कांग्रेस अध्यक्ष
भुवनेश्वर। बालेश्वर स्थित फकीर मोहन (एफएम) स्वायत्त कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा सौम्यश्री बिसी की दर्दनाक मौत के बाद ओडिशा की राजनीति गरमा गई है। इस हृदयविदारक घटना को लेकर कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है और 17 जुलाई को पूरे ओडिशा में बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस के साथ-साथ सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी समेत अन्य दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बंद की घोषणा की।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भक्तचरण दास ने कहा कि सौम्यश्री की मौत केवल एक छात्रा की मौत नहीं है, बल्कि यह संस्थागत विफलता और सरकार की निष्क्रियता का नतीजा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की नैतिक और प्रशासनिक विफलता है कि एक छात्रा को इंसाफ न मिलने पर खुद को आग लगानी पड़ी। अब सरकार आनन-फानन में दिशानिर्देश जारी कर रही है, जो पहले से मौजूद होना चाहिए था।
बंद को समर्थन देने की अपील
दास ने जनता, परिवहन संगठनों, शिक्षण संस्थानों और व्यापारियों से 17 जुलाई के ओडिशा बंद को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण बंद होगा, लेकिन इसके लिए जन सहयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं, तब नागरिकों को अपनी आंखें खोलनी होंगी।
इस घटना ने पूरे राज्य में छात्र संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के बीच आक्रोश को जन्म दिया है। अब यह आंदोलन न्याय की मांग से आगे बढ़कर राज्य की शिक्षा व्यवस्था में गहराई से मौजूद खामियों को उजागर करने की दिशा में बढ़ रहा है।
अब तक हुई कार्रवाई
- छात्रा के आत्मदाह के प्रयास के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज के प्राचार्य दिलीप घोष को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया। वहीं शिक्षा विभाग के एचओडी प्रोफेसर समीर रंजन साहू को भी 12 जुलाई को पुलिस ने हिरासत में लिया।
- सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो कॉलेज प्रशासन की भूमिका और आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली की प्रभावशीलता की भी समीक्षा करेगी।
- राज्यपाल ने भी कठोर कार्रवाई का आदेश दिया है।
- ओडिशा क्राइम ब्रांच की महिला एवं बाल अपराध शाखा ने स्वतः संज्ञान लेते हुए स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है।