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फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज के निलंबित प्राचार्य ने मांगी सुरक्षा

  •  पिता के आरोपों का खंडन किया

भुवनेश्वर। फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज, बालेश्वर की एक छात्रा द्वारा कॉलेज परिसर में आत्मदाह का प्रयास किए जाने के एक दिन बाद, निलंबित प्राचार्य दिलीप कुमार घोष ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार की जांच प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग देने का दावा किया है।

शनिवार को हुई इस गंभीर घटना के बाद ओडिशा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने प्राचार्य दिलीप घोष को निलंबित कर दिया था, वहीं छात्रा द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर शिक्षा विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

सूत्रों के अनुसार, दिलीप घोष ने बालेश्वर के जिलाधिकारी को एक औपचारिक पत्र सौंपते हुए सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्र संगठन और आमजन में बढ़ते आक्रोश और मीडिया द्वारा उन पर केंद्रित हो रही खबरों के चलते उन्हें और उनके परिवार को खतरे की आशंका है।

उन्होंने कहा कि मैंने आज सुबह जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मेरे और मेरे परिवार की सुरक्षा की व्यवस्था की मांग की है। जांच प्रक्रिया जारी है और मैं पूरी तरह से सहयोग कर रहा हूं. लेकिन मीडिया और छात्रों का ध्यान जिस तरह मुझ पर केंद्रित है, उससे एहतियात के तौर पर यह कदम उठाना आवश्यक हो गया है।

प्राचार्य घोष ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उनका घटना से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कॉलेज परिसर में जाकर साक्ष्य और गवाहों के बयान दर्ज करेगी।

घोष ने पीड़िता के पिता द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया और कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्रा को परेशान करने या उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव डालने के आरोपों का खंडन किया।

घोष के अनुसार, पीड़िता ने घटना वाले दिन सुबह करीब 11 बजे उनसे मुलाकात की और शिक्षा विभाग के प्रमुख समीर कुमार साहू पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।

घोष ने बताया कि छात्रा की काउंसलिंग के बाद उन्होंने साहू को मामले पर चर्चा के लिए अपने कक्ष में बुलाया। उन्होंने स्वीकार किया कि ‘दुर्व्यवहार’ की शिकायत तो मिली थी, लेकिन यौन उत्पीड़न या पक्षपात की मांग के आरोपों का समर्थन करने वाला कोई ठोस सबूत नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रक्रियाओं का पालन मौजूदा संस्थागत मानदंडों के अनुसार किया गया था।

उन्होंने कहा कि हमारी आंतरिक समिति तथ्य-खोज प्रक्रिया में थी और उसने सभी आवश्यक कदम उठाए थे। लड़की ने अचानक यह कदम उठाया। हालांकि, मैं विस्तृत जांच के लिए अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करूंगा क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है।

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