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बालेश्वर में तीसरी बार मंडराया बाढ़ का खतरा

  • सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान के करीब

  • बालियापाल, जलेश्वर और भोगराई प्रखंडों में फिर से घुसा बाढ़ का पानी, प्रशासन अलर्ट पर

बालेश्वर। मानसून के इस मौसम में तीसरी बार बालेश्वर जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जिले से होकर बहने वाली सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर राजघाट में चेतावनी स्तर 9.45 मीटर को पार कर 10.04 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 10.36 मीटर से अब कुछ ही दूर है।

इससे पहले, मानसून की शुरुआत से अब तक जिले के बालियापाल, जलेश्वर और भोगराई प्रखंडों में दो बार बाढ़ आ चुकी है, जिसमें सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए और हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई थीं।

फिर से जलमग्न होने लगे गांव और खेत

हाल ही में खेतों से पानी उतरना शुरू हुआ ही था कि नदी के जलस्तर में आई इस नई वृद्धि ने लोगों की चिंता फिर से बढ़ा दी है। निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है, जिससे कई गांवों में रास्ते बंद हो गए हैं और संपर्क व्यवस्था प्रभावित हुई है।

जिला प्रशासन तैयार, लगातार निगरानी

बालेश्वर के कलेक्टर सूर्यवंशी मयूर विकास ने बताया कि फिलहाल नदी का जलस्तर 10.04 मीटर है, जो खतरे के निशान 10.36 मीटर से थोड़ा नीचे है। अभी के लिए खतरे की कोई तत्काल संभावना नहीं है, लेकिन हम सिंचाई विभाग के लगातार संपर्क में हैं और स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि पिछले महीने दो बार आई बाढ़ से मिले अनुभव से हम पूरी तरह तैयार हैं। ज़रूरत पड़ने पर नावों की तैनाती और राहत सामग्री की आपूर्ति तुरंत की जाएगी।

लोगों को सतर्क रहने की सलाह

चूंकि नदी अभी भी उफान पर है और मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी रखने की सलाह दी है।

स्थानीय लोगों में बढ़ी चिंता

बाढ़ की आशंका से इलाके में फिर से चिंता और दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द पानी नहीं घटा तो खड़ी फसलें दोबारा बर्बाद हो जाएंगी। प्रशासन की तैयारियों के बावजूद लोगों को स्थायी समाधान की जरूरत महसूस हो रही है ताकि हर साल इस तरह की बाढ़ की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।

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