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राष्ट्र की सैन्य क्षमता और रणनीतिक आत्मनिर्भरता पर हुआ विचार-विमर्श
भुवनेश्वर। राष्ट्रवादी विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित संगठन प्रज्ञा प्रवाह के भुवनेश्वर चैप्टर की एक विशेष बैठक यूनिट-8 स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित की गई। यह बैठक ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की पृष्ठभूमि में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक नीति और रक्षा आत्मनिर्भरता पर केंद्रित रही।
बैठक की अध्यक्षता श्री दुर्योधन कथुआ ने की, जबकि संचालन का दायित्व राज्य संयोजक रवि नारायण पण्डा, भुवनेश्वर संयोजक गौरी प्रसाद त्रिपाठी, तथा युवा संयोजक प्रो अभिषेक उपाध्याय ने निभाया। इस अवसर पर भुवनेश्वर के अनेक प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों और विषय विशेषज्ञों ने सहभागिता की, जिनमें पद्मश्री अद्वैत गड़नायक प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
बैठक में वक्ताओं ने ऑपरेशन सिन्दूर की रणनीतिक सफलता पर विस्तृत विचार रखे। सर्वसम्मति से यह मत व्यक्त किया गया कि यह ऑपरेशन भारत की सटीक, सक्रिय और स्वदेशी सैन्य शक्ति का प्रमाण है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की भारत की नई नीति को रेखांकित किया है। यह केवल एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि भारत की राजनयिक स्पष्टता और सामरिक आत्मविश्वास का परिचायक है।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान प्रयोग किए गए मेक-इन-इंडिया रक्षा उपकरणों की कार्यक्षमता और विश्वसनीयता ने भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक भरोसेमंद शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया है। इससे रक्षा क्षेत्र में भारत के निर्यात संभावनाओं को नया आयाम मिला है।
बैठक के समापन पर यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि ऐसी चर्चाएं और विमर्श निरंतर होते रहने चाहिए ताकि राष्ट्र सुरक्षा, सामरिक नीति और आत्मनिर्भर भारत जैसे विषयों पर समाज में जागरूकता और समझ को बढ़ाया जा सके।