-
सुरक्षा के लिए हाईटेक प्लान लागू
-
पुरी में 10,000 से अधिक जवान, एआई कैमरे, एंटी-ड्रोन सिस्टम और कमांड कंट्रोल रूम से होगी निगरानी
पुरी। महाप्रभु श्री जगन्नाथ की ऐतिहासिक और विश्वविख्यात रथयात्रा 2025 को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए इस बार ओडिशा पुलिस ने हाईटेक सुरक्षा रणनीति तैयार की है। इस पवित्र यात्रा में किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक न हो, इसके लिए पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के स्नाइपर्स भी तैनात किए जाएंगे।
राज्य के पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने बताया कि रथयात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को आठ विशेष सेक्टरों में बांटा गया है। प्रत्येक सेक्टर की जिम्मेदारी अलग-अलग कार्यों को संभालने के लिए निर्धारित की गई है, जैसे भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन, मंदिर परिसर की सुरक्षा, बाहरी और भीतरी सुरक्षा घेरा, तटीय सुरक्षा और अन्य विशेष तैनातियां।
सुरक्षा का विशेष फोकस निगरानी प्रणाली पर
इस बार सुरक्षा का विशेष फोकस तकनीकी समन्वय और अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली पर है। पूरी यात्रा के दौरान करीब 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे पुरी शहर, उत्तरा चौक से लेकर कोणार्क मार्ग तक के प्रमुख बिंदुओं पर लगाए गए हैं, जिनकी लाइव मॉनिटरिंग पुलिसकर्मी चौबीसों घंटे करते रहेंगे। इनके अलावा, प्रमुख स्थानों पर सब-कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं जो निगरानी को और सशक्त बनाएंगे।
एंटी-ड्रोन सिस्टम, डॉग स्क्वॉड और एंटी-सैबोटाज टीमें भी तैनात
उन्होंने बताया कि एंटी-ड्रोन सिस्टम, डॉग स्क्वॉड और एंटी-सैबोटाज टीमें भी तैनात की गई हैं ताकि हवाई खतरों से निपटा जा सके। तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मरीन पुलिस, कोस्ट गार्ड और भारतीय नौसेना की टुकड़ियां भी इस बार सुरक्षा में शामिल की गई हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस ड्रोन भी नजर बनाए रखेंगे, जिससे रथों के मार्ग और श्रद्धालुओं की गतिविधियों की निगरानी संभव हो सकेगी।
चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती
करीब 200 प्लाटून ओडिशा पुलिस और सीआरपीएफ, बीएसएफ, आरएएफ समेत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की आठ कंपनियाँ पूरी यात्रा अवधि में तैनात रहेंगी। इसके अलावा 10,000 से अधिक सुरक्षा कर्मी, जिनमें राज्य पुलिस, होम गार्ड्स और सीएजीएफ शामिल हैं, रथयात्रा के दौरान तैनात रहेंगे।
रियल-टाइम चैटबॉट सेवा भी शुरू
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक रियल-टाइम चैटबॉट सेवा भी शुरू की गई है, जिससे उन्हें पार्किंग स्थान, मार्ग नक्शा और यातायात अपडेट की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।
डीजीपी खुरानिया ने कहा कि यह पवित्र परंपरा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। हमारा सामूहिक प्रयास यही है कि इस दिव्य यात्रा को पूरी शांति, श्रद्धा और सुरक्षा के साथ संपन्न कराया जाए।