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भारी बारिश के कारण झारखंड के गालूडीह बैराज से छोड़े गए अतिरिक्त
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बालेश्वर जिले के भोगराई और बालियापाल ब्लॉक के कई निचले गांवों में बाढ़ जैसे हालात
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खड़ी फसलों और कृषि भूमि को भारी नुकसान
बालेश्वर। झारखंड के गालूडीह बैराज से छोड़े गए अतिरिक्त पानी से सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ के कारण बालेश्वर जिले के भोगराई, जलेश्वर और बालियापाल ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली कई पंचायतें जलमग्न हो गई हैं, जिससे खड़ी फसलों और कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है। धान और सब्जी की खेती के बड़े हिस्से जलमग्न होने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
जलेश्वर ब्लॉक में राजघाट के पास सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह गई है। जलस्तर में खतरनाक वृद्धि ने ओडिशा के बालेश्वर जिले के भोगराई और बालियापाल ब्लॉक के कई निचले गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
नदी के उफान पर होने के कारण, भोगराई ब्लॉक के खालबड़िया, कुल्हा और बौंसखाना गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बालियापाल ब्लॉक के कुदामनसिंह, चौधरीकुड और बालियापाल गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। खबर है कि बाढ़ का पानी कुछ सड़कों से चार फीट ऊपर बह रहा है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है और क्षेत्र के कई हिस्से अलग-थलग पड़ गए हैं।
झारखंड में लगातार हो रही है बारिश
झारखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण गालूडीह बैराज से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से स्थिति और खराब हो गई है। अचानक आए पानी के कारण ओडिशा के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। स्थानीय निवासी ने बताया कि बीती रात बाढ़ का पानी गांव में घुसने के बाद हमारे सभी घर जलमग्न हो गए हैं। हम अपने सामान और मवेशियों को देसी नावों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं।
करीब पांच गांव राज्य के बाकी हिस्सों से कटे
बताया गया है कि करीब पांच गांव अब राज्य के बाकी हिस्सों से कट गए हैं। जलस्तर बढ़ गया है, जिससे यहां बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। पीने के पानी और अन्य खाद्य पदार्थों की समस्या है। यहां के ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बालियापाल ब्लॉक के चौधरीकुड गांव में, जहां नदी का तटबंध कमजोर पाया गया है, आपातकालीन मरम्मत का काम चल रहा है। कमजोर हिस्से को मजबूत करने और संभावित दरार को रोकने के लिए युद्धस्तर पर सैंडबैग तैनात किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है और जलस्तर बढ़ने की स्थिति में प्रभावित निवासियों को निकालने की तैयारी कर रहा है। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाने के लिए राहत टीमें भी तैनात की जा रही हैं।
सभी सरकारी कर्मियों की छुट्टियां रद्द
सुवर्णरेखा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने और संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए बालेश्वर जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने और राहत कार्यों को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए जिले में सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं।
जिला कलेक्टर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि भोगराई, बालियापाल और जलेश्वर ब्लॉकों समेत कई क्षेत्रों में भारी बारिश और झारखंड स्थित गालूडीह बैराज से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इन हालातों को देखते हुए किसी भी अधिकारी को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आपदा प्रबंधन की पूरी तैयारी
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि जो अधिकारी छुट्टी पर हैं, वे तत्काल अपनी ड्यूटी पर लौटें। विशेष रूप से राहत, बचाव और आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागों के कर्मचारियों को तत्काल काम पर लौटना होगा। इसके लिए राजस्व, स्वास्थ्य, जल संसाधन और पंचायती राज विभाग सहित सभी लाइन विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
संवेदनशील इलाकों में टीम तैनात
प्रशासन ने आपदा प्रतिक्रिया दलों को संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दिया है और नदी तटबंधों को मजबूत करने के काम में तेजी लाई जा रही है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है, जिससे खेतों, सड़कों और मकानों में पानी भर गया है। स्थिति को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत शिविरों की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क
सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। कलेक्टर कार्यालय ने कहा है कि यह कदम बाढ़ की चुनौती से निपटने और आमजन को बिना किसी रुकावट के आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है।