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मयूरभंज में मनरेगा निधि गड़बड़ी का खुलासा

  • पूर्व बीडीओ अनुपमा घोष को कारण बताओ नोटिस जारी

  • जांच समिति गठित करने की घोषणा

  • निर्देशों का उल्लंघन कर फर्म को किया गया भुगतान

मयूरभंज। मयूरभंज जिले के शुलियापड़ा प्रखंड में मनरेगा योजना के तहत 11.53 लाख रुपये की गड़बड़ी के आरोप में पूर्व प्रखंड विकास अधिकारी अनुपमा घोष को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। यह नोटिस उन्हें इस माह की 3 तारीख को भेजी गई थी, जिसमें उन्हें 7 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया था।

जारी नोटिस में बताया गया है कि मनरेगा योजना की निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का उल्लंघन करते हुए एक निजी कंप्यूटर कंपनी को यह राशि स्थानांतरित की गई। उल्लेखनीय है कि इस कंपनी के खिलाफ पहले से सतर्कता विभाग में मामला लंबित है। यह लेनदेन प्रखंड के कैशियर और हेड क्लर्क की जानकारी के बिना किया गया, जो योजना संचालन में पारदर्शिता के सिद्धांत का स्पष्ट उल्लंघन है।

पूर्व बीडीओ से मांगा गया जवाब

पूर्व प्रखंड विकास अधिकारी अनुपमा घोष से पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाए। अब तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इस पर मयूरभंज के डीआरडीए परियोजना निदेशक धर्मानंद बेहरा ने कहा कि पूरे मामले की गहराई से जांच के लिए शीघ्र ही एक जांच समिति गठित की जाएगी।

जांच समिति करेगी तथ्यों की पुष्टि

परियोजना निदेशक धर्मानंद बेहरा ने कहा कि हम एक-दो दिन में जांच समिति बनाएंगे, जो इस धन स्थानांतरण की वैधता की जांच करेगी। प्रारंभिक संदेह के आधार पर ही कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। अगर स्थिति कुछ और है, तो पूर्व बीडीओ यह स्पष्ट कर सकती हैं कि उन्होंने किन प्रक्रियाओं के तहत यह भुगतान किया और किन आधारों पर राशि खर्च की गई। उन्होंने यह भी बताया कि संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की गई थी, परंतु वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

11,53,372 की राशि अनुचित रूप से हुई व्यय

पूर्व बीडीओ के कार्यकाल के दौरान मनरेगा योजना से कुल 11,53,372 की राशि कथित रूप से अनुचित रूप से व्यय की गई। अब यह पूरा मामला जिला प्रशासन की गंभीर निगरानी में है और जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह लेनदेन नियम सम्मत था या इसमें अनियमितता हुई है।

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